अजय शर्मा,भोपाल/प्रदीप मालवीय,उज्जैन। उज्जैन के केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में 15 करोड़ के भविष्य निधि घोटाले मामले में आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राजे को निलंबित कर दिया गया है। इसका आदेश भी जारी हो गया है। वहीं उज्जैन में केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में हुए गबन कांड के आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राजे व जेल प्रहरी रिपुदमन सिंह सहित अन्य तीन आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर 31 मार्च 2023 तक की रिमांड ली है । सीएसपी अनिल सिंह मौर्य ने बताया कि भैरवगढ़ गबन कांड के 5 आरोपियों से और पूछताछ की जानी थी इसलिए न्यायालय के समक्ष आज पेश कर 5 दिन की रिमांड ली गई है ।
कोर्ट से बाहर आते ही निकले पूर्व जेल अधीक्षक उषा राजे के आंसू
वहीं कोर्ट से बाहर आते ही उषा राजे की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने रोते हुए मीडिया से कहा मुझे और मेरी बेटी को फंसाया जा रहा है। जबरन कोरे कागज पर पुलिस ने साइन कराए है। मैं एक महिला हूं और मुझ पर अत्याचार किया जा रहा है। साथ ही गबन कांड में गिरफ्तार किए गए सटोरिए रोहित ने कहा कि उन्हें भी फंसाया जा रहा है। अब यदि सभी गिरफ्तार आरोपियों को फंसाया जा रहा है तो आखिर दोषी कौन है ? ये बड़ा सवाल है।
गौरतलब है कि उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में 15 करोड़ का पीएफ घोटाला हुआ है। जेल के कर्मचारियों को पता भी नहीं चला और उनके खाते से 15 करोड़ की जीपीएफ राशि जेल प्रहरी रिपुदमन और उसके सहयोगियों ने निकाल ली। इस मामले में उज्जैन के भैरव थाने में विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया। इसके बाद जेल प्रहरी रिपुदमन शैलेंद्र सिकरवार और धर्मेंद्र लोधी के खिलाफ दस-दस हजार का इनाम घोषित किया गया। जिसके बाद रिपुदमन को बनारस से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद जब उससे कड़ी पूछताछ की गई तो पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज का नाम भी सामने आया। जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
जीपीएफ ट्रांजेक्शन में मिली थी गड़बड़ियां
इस मामले में जिला कलेक्टर द्वारा 11 मार्च को जिला कोषालय उज्जैन के प्रारंभिक जांच में केंद्रीय जेल के फर्जी दस्तावेज के आधार पर जीपीएफ ट्रांजेक्शन में गड़बड़ियां मिली। जिसमें से राशि एक ही खाते में ट्रांसफर कर अनियमित फर्जी भुगतान IFMIS सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से किए जाने की जानकारी दी थी। जांच में 13 करोड़ 50 लाख 46,325 रुपए की राशि का अनियमित भुगतान हुआ था। इस मामले के सामने आते ही जेल मुख्यालय द्वारा जेल उप महानिरीक्षक (कल्याण) की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित की गई। जिसकी जांच में लगभग 15 करोड़ का अनियमित भुगतान और गबन किया जाना पाया गया।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक