शिखिल ब्यौहार, भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर हो गया। लंबे समय से चल रहे कयासों के बीच कांग्रेस के पूर्व पूर्व मंत्री और कमलनाथ के बेहद करीबी दीपक सक्सेना आज बीजेपी में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन्हें बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के लाख मनाने के बाद भी आखिरकार पूर्व कैबिनेट मंत्री और सबसे विश्वासपात्र माने जाने वाले दीपक सक्सेना का मन नहीं बदला। जिसके बाद अपने कई समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सस्यता ग्रहण कर ली।

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 बीजेपी में शामिल होने से पहले दीपक सक्सेना ने कहा कि मुझे कमलनाथ को छोड़ने का बहुत दुख है। साथ ही भाजपा ज्वाइन करने की ख़ुशी है। कमलनाथ, मिघलानी, और कुछ साथियों के साथ मिलकर छिंदवाड़ा जिला चलाते थे। अब 10-20 लोग हो चुके हैं। कमलनाथ का में हमेशा से सम्मान करता था, करता हूं और करता रहूंगा। कभी चापलूसी और चाटुकारिता नहीं की ।पहले मेरे बेटा बीजेपी में शामिल हुआ, अब मैं शामिल हो रहा हूं। मैं नकूलनाथ के नक्शे में फिट नहीं बैठ पाया।

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दीपक सक्सेना के बीजेपी में शामिल होने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि कल स्थापना दिवस है। 1 लाख लोगों की सदस्यता होनी है। मैं बाबा महाकाल की नगरी से आता हूं। दीपक के आने से क्या दीपावली, क्या होली सबका मजा आ गया। दीपक के आने से अंधेरे जाता है। छिंदवाड़ा में इन्होने खासा विकास किया। कमलनाथ 45 साल से सेवा नहीं कर रहे, वो शोषण कर रहे हैं। प्रतिभाओं को दबाने का काम किया। आज छिंदवाड़ा से सूरज निकला है,दीपक जला है। 

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कौन हैं दीपक सक्सेना

कमलनाथ के छिंदवाड़ा आने से पहले दीपक सक्सेना राजनीति में आ चुके थे। 1970 में पहली बार दीपक सक्सेना रोहना ग्राम पंचायत के पंच बने। इसके बाद 1975 से 1980 तक दीपक सक्सेना रोहना के सरपंच रहे। इसी बीच 1979 में छिंदवाड़ा आए कमलनाथ से दीपक सक्सेना की मुलाकात हो गई थी। यहां से सरपंच दीपक सक्सेना राजनीति में छिंदवाड़ा के दूसरे सबसे बड़े सितारे बनकर उभरने लगे। कमलनाथ ने दीपक सक्सेना को 1984 में जिले में कांग्रेस का सबसे बड़ा नाम लाला सुंदरलाल जायसवाल को हटाकर जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष बनाया। जहां लगभग 20 साल तक दीपक सक्सेना लगातार अध्यक्ष बने रहे।

1990 से लगातार कमलनाथ ने दीपक सक्सेना को 2018 तक छिंदवाड़ा विधानसभा की टिकट दी। सात बार चुनाव लड़े दीपक सक्सेना चार बार 1993, 1998, 2008 और 2018 में छिंदवाड़ा से विधायक चुने गए। हालांकि 2018 में दीपक सक्सेना ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी। लेकिन अपने चार बार के विधायकी के कार्यकाल में दीपक सक्सेना दो बार पीएचई मंत्री बनाए गए और कैबिनेट मंत्री बने। इतना ही नहीं अपेक्स बैंक के डायरेक्टर के रूप में दीपक सक्सेना ने आठ देशों की यात्रा भी की। यह सभी उपलब्धियां दीपक सक्सेना को कमलनाथ के साथ रहने के कारण मिली। 2018 में मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए विधायकी छोड़ने से पहले दीपक सक्सेना को प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया।

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