अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में आज से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा सकती है। प्रदेश के करीब 15 हजार सरकारी डॉक्टर आज से हड़ताल पर रहेंगे। सरकारी डॉक्टर इमरजेंसी, शैक्षणिक, प्रशासनिक और मेडिको लीगल कार्यों से भी दूर रहेंगे। एक मई को भी बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जाहिर किया था। इसके बाद दो मई को डॉक्टरों ने सुबह 11 से 1 बजे तक कोई काम नहीं किया। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के बंगले का भी घेराव किया। जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं आज से DACP नीति लागू करने, प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी समेत कई मुद्दों को लेकर हड़ताल शुरू की जाएगी।
क्या है DACP
DACP के ज़रिए समय समय पर पदोन्नति होती है। वेतनवृद्धि और अच्छा करियर बनाने के लिए DACP में बेहतर अवसर मिलते हैं। यह पॉलिसी 2008 के बाद देश के कई राज्यों में लागू हो चुकी है, लेकिन एमपी में 14 साल के बाद भी ये स्कीम अब तक लागू नहीं की गई है। स्कीम ना लागू होने के कारण डॉक्टर की नाराज़गी आंदोलन का रूप ले रही है।
प्रदर्शन में कौन-कौन होंगे शामिल
डॉक्टर महासंघ के मुताबिक प्रदेशव्यापी विरोध-प्रदर्शन में राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सक, संविदा पर कार्यरत चिकित्सक और बॉन्डेड चिकित्सक शामिल होंगे
डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सरकार अलर्ट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार देर रात बैठक बुलाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी कलेक्टर्स और कमिश्नर्स के साथ बैठक की। प्रदेश के शासकीय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। इस दौरान सीएम शिवराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी नहीं होना चाहिए।
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