शब्बीर अहमद, भोपाल। जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख अभियंता राजीव कुमार सुकलीकर पर ईओडब्ल्यू ने शिकंजा कसा है। सिंचाई योजनाओं में फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए का भुगतान कर सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाने वाले अभियंता राजीव और अन्य अफसरों पर ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
दरअसल, प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सागर, बैतूल, दमोह, सिंगरौली में नहर प्रणाली विकसित करने के लिए सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत की गईं थीं. इन परियोजनाओं में नियमानुसार बांध बनाने के बाद नहर के लिए सामग्री क्रय करना था, लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से कंपनियों ने नहर में लगने वाली पाइप और अन्य सामग्रियां पहले ही खरीद ली और अधिकारियों ने इसका भुगतान कर लिया।
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जल संसाधन विभाग में अफसरों को पहले ही निलंबित कर दिया गया था. साथ ही सरकार ने इसकी जांच के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल को निर्देश दिए थे. वहीं जब ईओडब्ल्यू ने इसकी जांच तो तत्कालीन प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता और अधीक्षण यंत्री की संलिप्तता पाई गई. जिस पर ईओडब्ल्यू ने आज धारा 120 बी, 420 और धारा 7(सी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें