भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा स्थित कस्तूरबा नगर में दंबगों से परेशान एक परिवार पानी की टंकी पर चढ़ गया है. अपनी मांग पर टिके परिवार के 5 सदस्य पिछले 19 घंटे से पानी की टंकी पर चढ़ा हुआ है. उनकी मांग है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान या मंत्री विश्वास सारंग से उनकी मांग को लेकर बात कराई जाए. 3 महीने पहले होशंगाबाद रोड स्थित पानी की टंकी पर यही गोस्वामी परिवार चढ़ा था. पुलिस रेस्क्यू करने की तैयारी में है, लेकिन नहीं कर पा रही है.

जानकारी के मुताबिक रायसेन के रहने वाला रीतेश गोस्वामी (47 वर्ष) अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ शनिवार शाम 5 बजे से पानी की टंकी पर चढ़ा हुआ है. वो अपने साथ खाने-पीने का पूरा सामान रखा है. जिला और पुलिस प्रशासन की टीम घटना स्थल पर मौजूद है, लेकिन कड़ी मशक्कत के बावजूद परिवार को अभी तक पानी की टंकी से नीचे नहीं उतरवा सका है.

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पीड़ित रीतेश गोस्वामी का आरोप है कि अब्दुल्लागंज में उनकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है. तीन महीने पहले भी असीमा मॉल के सामने टंकी पर चढ़ गए थे. तब पुलिस प्रशासन ने आश्वासन देकर नीचे उतार दिया था, लेकिन मांग पूरी नहीं की गई. जिससे परेशान पीड़ित दोबारा परिवार के साथ पानी की टंकी पर चढ़ गया.

उसका आरोप है कि दबंग सत्ताधारी दल के बड़े नेता का रिश्तेदार हैं, इसलिए कार्रवाई नहीं होती है. अगर उसकी जमीन का कब्जा नहीं हटाया गया, तो वह परिवार के साथ कूदकर खुदकुशी कर लेगा. उसकी मांग है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान या मंत्री विश्वास सारंग से उसकी मांग को लेकर बात कराई जाए.

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रितेश का आरोप है कि उसकी भोजपुर स्थित जमीन पर धनंजय सिंह चौहान नाम के व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है. पुलिस न तो उसकी सुनवाई कर रही है और न ही प्रशासन के अधिकारी उसके साथ न्याय कर रहे हैं. वह अपनी जमीन पर जाता है, तो उसके साथ मारपीट की जाती है. रितेश ने आरोप लगाया कि शनिवार को सुबह खेत पर उसकी बेटी के साथ मारपीट की गई.

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आरोप है कि कई बार वह शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुका है, लेकिन समस्या का हल होने के बजाय उसे और प्रताड़ित किया जाता है. इससे पहले जब वह पानी की टंकी पर चढ़ा था, तब भी उसे सिर्फ आश्वासन देकर बहला-फुसलाकर नीचे उतार दिया था. उस बात को भी 3 महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हुआ है. इस बार वह तब तक नीचे नहीं उतरेगा, जब तक पूरी तरह से समस्या का निराकरण या दबंगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है.

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