अजय शर्मा, भोपाल। देश के संसद और विधानसभा में अलग अलग पार्टी का प्रतिनिधित्व करने और एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले नेताओं के जब खुद के सुख सुविधा और वेतन भत्ते की बारी आती है तो वे दुश्मनी और पार्टी भूलकर एकमत हो जाते हैं। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश में भी सामने आया है जहां माननीयों के निजी स्टाफ बढ़ाने के मुद्दे पर सभी सहमत हैं।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में विधायकों को अधिक निजी स्टाफ चाहिए। देश के अन्य विधानसभा में ज्यादा स्टाप होने का हवाला देकर यह मांग उठाई गई है। विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम ने भी माना कि मध्यप्रदेश में विधायकों के पास स्टाफ कम है। स्पीकर ने भी उदाहरण देकर बताया कि कई राज्यों की विधानसभाओं में 8 से 10 लोगों का विधायकों का स्टाफ है और हमारे मध्यप्रदेश में आज भी दो-तीन लोग है।

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गिरीश गौतम ने कहा कि स्टाफ के अभाव में विधायकों को काम करने में परेशानी हो रही है। काम का बोझ बढ़ा है जिसके चलते स्टाफ की कमी हो रही है। बीजेपी विधायकों के स्टाफ बढ़ाने की मांग को विपक्षी पार्टी कांग्रेस विधायकों का भी सर्मथन मिला है। लोक लेखा समिति के सभापति कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने भी स्टाफ बढ़ाने की मांग की है। विधायक शर्मा बोले- देश की कई विधानसभाओं का पिछले बार हमने दौरा किया था जिसमें विधायकों के पास 8 से 10 लोगों का स्टॉफ था।

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