भोपाल। मध्यप्रदेश में अप्रैल महीने में फिर मौसम (MP Weather Alert) बदलेगा। पिछले 24 घंटे में कई जिलों में बारिश (Rain) और ओलावृष्टि दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक अप्रैल (April) के शुरुआती सप्ताह में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा हैं। जिससे प्रदेशभर में बादल छाए रहेंगे। कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है। वर्तमान में उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है, जिसका असर शनिवार को खत्म हो जाएगा। वहीं 3-4 अप्रैल को उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। जिससे फिर से शहर में बादल छाए रहेंगे। 5 और 6 अप्रैल को शहर में बूंदाबांदी होने की संभावना है।

ग्वालियर (Gwalior) में चार दिनों तक बारिश के आसार नहीं है, लेकिन 5 से 10 अप्रैल के बीच फिर से बादल छाने के साथ बारिश के आसार बनेंगे। 20 अप्रैल तक लू के आसार कम है, अप्रैल अंत तक गर्मी का असर देखने को मिल सकता है। बता दें कि 30 और 31 मार्च को भोपाल, जबलपुर, अनूपपुर, सागर, नर्मदापुरम, दमोह, सतना, खजुराहो, सागर, नर्मदापुरम, बैतूल, उमरिया, पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, सिंगरौली, विदिशा में बारिश हुई। सिंगरौली, विदिशा और अनूपपुर में बारिश के साथ ओले भी गिरे।

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रायसेन के 6 से अधिक गांव में हुई ओलावृष्टि

अनिल सक्सेना, रायसेन। Raisen जिले के बेगमगंज तहसील में एक बार फिर कुदरत का कहर टूटा है और करीब आधा दर्जन ग्रामों में ओलावृष्टि (Hailstorm) होने से फसलें बर्बाद हो गई। मौसम के पूर्वानुमान अनुसार एक बार फिर मौसम ने करवट बदली और सर्द हवाओं के साथ ओलावृष्टि ने किसानों के ऊपर फिर से आफत ला दी। जैसे-तैसे किसान अपनी फसलों को समेटने में लगा हुआ था, ऐसे में अचानक हुई ओलावृष्टि से किसान टूट सा गया है। करीब 15 से 20 मिनट तक बेर से बड़े आकार के ओले गिरने से करीब आधा दर्जन ग्रामों की फसलें प्रभावित हुई हैं इसमें तीन ग्रामों में काफी देर तक ओलावृष्टि होने से फसलें चौपट हो गई हैं।

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क्षेत्र के खजुरिया बरामद गढ़ी झिरिया बरामद गढ़ी और ककरुआ बरामद गढ़ी में अचानक गरज चमक के साथ बारिश हुई और ओले गिरने लगे किसान अपने खेतों में फसल की कटाई और थ्रेसिंग में लगा हुआ था। यहां वहां भागकर उन्होंने अपनी जान बचाई और अपनी आंखों के सामने फसल को बर्बाद होता देखकर कई किसानों आंखों से आंसुओं की झड़ी लग गई। किसान जाहर सिंह लोधी, सीताराम, हरनाम सिंह लोधी आदि ने बताया कि काफी देर तक बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से खड़ी फसलें आड़ी हो गई है। बालियों से दाने झड़कर खेतों में गिर गए हैं, वही कटी रखी हुई फसल भी भीग गई है।

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