सुधीर दंडोतिया, भोपाल। राज्य सूचना आयोग (State Information Commission) के निर्णय के बाद जानकारी नहीं देना एक बाबू को भारी पड़ गया। मामले में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के आदेश के बाद विदिशा के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग (RES) के क्लर्क बाबूलाल अहिरवार की वार्षिक वेतन वृद्धि (annual increment) को रोक दिया है।
आयोग के आदेश का पालन नहीं होने पर विदिशा के दीपक तिवारी ने आयोग के समक्ष धारा 18 के तहत सीधे शिकायत की थी। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने विदिशा के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री राजेंद्र गजभिये को सुनवाई के लिए तलब किया था। गजभिये ने आयोग को बताया कि आयोग का आदेश उनके कार्यालय में प्राप्त ही नहीं हुआ था इसलिए जानकारी नहीं दी गई। जब राहुल सिंह ने इस मामले के सारे दस्तावेज आयोग के कार्यालय तलब कर लिए तो इस बात का खुलासा हुआ कि आयोग का आदेश विदिशा कार्यालय में प्राप्त हो चुका था। बाद में गजभिए ने आयोग को बताया कि आयोग के आदेश की प्रति प्राप्त नहीं होने की जानकारी उन्हीं के विभाग के बाबूलाल अहिरवार ने उन्हें ने दी थी।
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आयोग का जो पूर्व आदेश था जिसमें जानकारी देने के आदेश थे, उसे भी प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी बाबूलाल अहिरवार की थी। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इस मामले में कहा कि अगर दोषी बाबूलाल अहिरवार है तो विभाग को उनके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। इसके बाद इस प्रकरण में बाबूलाल अहिरवार के ऊपर अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। कारण बताओ नोटिस का जवाब सही नहीं पाने पर भोपाल के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल भोपाल के अधीक्षण यंत्री सज्जन सिंह चौहान ने बाबूलाल अहिरवार की वार्षिक वेतन वृद्धि को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
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