राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में आज से यूनेस्को (UNESCO) की दो दिवसीय सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस (sub-regional conference) की शुरुआत हो गई है। इस सम्मेलन में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत (cultural and historical heritage) के संरक्षण पर मंथन किया जाएगा। जिसमें एक अहम फैसला भी लिया जा सकता है। मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध नर्मदा परिक्रमा (Narmada Parikrama) को दुनिया की सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया जा सकता है।
बताया जा रहा है इसके लिए शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय (Union Ministry of Culture) को प्रस्ताव भेजा है। मध्य प्रदेश संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की तरफ से यह प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के साथ यूनेस्को नई दिल्ली के ऑफिस-इन-चार्ज हिजकिल लामिनी और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर इन मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। भारत सहित भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका कई देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधि विश्व विरासत स्थलों के संरक्षण के क्षेत्र में उपलब्धियों, चुनौतियों और आगामी रणनीति जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
बता दें कि नर्मदा देश और दुनिया की एक मात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा होती है। मध्य प्रदेश के अमरकंटक (Amarkantak) से गुजरात के भरूच (Bharuch, Gujarat) तक नर्मदा परिक्रमा का मार्ग है। जो करीब 2600 किलोमीटरका मार्ग होता है। इसकी पैदल परिक्रमा में 3 से 4 महीने का समय लगता है। इसके अलावा इंदौर की गैर (Indore Gair) का प्रस्ताव भी भेजा गया है, साथ ही मैहर के 106 साल पुराने बैंड का प्रस्ताव, गोंड पेंटिंग और आदिवासी गीतों का प्रस्ताव भी भेजा गया है।
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