राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की सड़कें अब नई तकनीक से रिपेयर होंगी। सड़कों के गड्ढों को नई तकनीक से भरा जाएगा। इसके लिए जेट पेंचर (Jet Puncture Technology), वेलोसिटी पेंचर (Velocity Puncture Technology) और इन्फ्रारेड तकनीक (Infrared Technology) का उपयोग होगा। प्रदेश के सात जिलों में पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) लागू होगा। इन तकनीक से कम समय में बेहतर गुणवत्ता से काम होगा। लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) ने यह फैसला लिया हैं।

प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भिंड, सीहोर और रायसेन में प्रयोग किया जाएगा। इन जिलों की 582 किलोमीटर सड़क रिपेयर होंगी। जेट पेंचर टेक्नोलॉजी से भोपाल और संभाग में 185 किलोमीटर सड़क, वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक से रायसेन और बुधनी क्षेत्र की 187 किलोमीटर सड़क और इंफ्रारेड रिसाइकिंग टेक्नालॉजी से ग्वालियर, भिंड, मुरैना और दतिया जिले की 210 किमी सड़कों के गड्ढे भरे जाएंगे।

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लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) ने कहा है कि प्रदेश में सड़कों के गड्ढे रिपेयरिंग के लिए नवीन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक से कम समय में बेहतर गुणवत्ता से कार्य किया जा सकेगा। प्रदेश में यह तकनीक प्रथम चरण के 7 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जाएगी। बारिश और क्षमता से अधिक वजन के वाहनों के ट्रेफिक के कारण सड़कों पर गड्ढे हो जाते हैं। सड़क रिपेयरिंग का कार्य गुणवत्ता के साथ सतत रूप से किया जाता है, लेकिन रिपेयरिंग कार्य में लगने वाला समय और उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न-चिन्ह खड़े किए जाते हैं।

लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के गड्ढे रिपेयरिंग की नवीन आधुनिक तकनीक जेट पेंचर, वेलोसिटी पेंचर और इंफ्रारेड को अपनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी, जेट पेंचर तकनीक और वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक को लागू करने से पहले विभाग के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा विस्तृत अध्ययन किया गया है। इस तकनीक में कार्य के दौरान कोई भी अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न नहीं होता है। इससे मानसून सहित सभी मौसम में कार्य किया जा सकेगा।

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लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह ने बताया कि पेंचर रिपेयरिंग की नवीन तकनीक नवाचार अंतर्गत 7 जिलों भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भिंड, सीहोर और रायसेन में लागू की जा रही है। इससे 582 किलोमीटर सड़क पर रिपेयरिंग का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेट पेंचर टेक्नोलॉजी से भोपाल परिक्षेत्र के भोपाल और सीहोर संभाग में 185 किलोमीटर सड़क, वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक से रायसेन और बुधनी क्षेत्र की 187 किलोमीटर और इंफ्रारेड रिसाइकिंग टेक्नालॉजी से ग्वालियर, भिंड, मुरैना और दतिया जिले के 210 किलोमीटर सड़कों के गड्ढे भरने का कार्य किया जाएगा।

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