शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में रैगिंग का हाईप्रोफाइल मामला सामने आया है। इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा के बेटे के साथ 19 फरवरी को रैगिंग हुई थी। कॉलेज के तीन सीनियर छात्रों ने पीड़ित छात्र के हॉस्टल में पहुंचकर उसे शराब पीने और पिलाने को कहा था। मना करने पर उसके साथ मारपीट भी की थी। बात आगे बढ़ी तो पीड़ित छात्र ने इसकी शिकायत यूजीसी की एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन में की थी।
इस मामले में बीस दिन बाद कार्रवाई करते हुए लॉ यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने तीन सीनियर स्टूडेंट्स को दो साल के लिए हॉस्टल से निकाल दिया है। आरोपी छात्र विश्वविद्यालय की किसी भी गतिविधि में भाग नहीं ले सकेंगे। हालांकि, यूजीसी की गाइडलाइन कहती है कि रैगिंग की शिकायत में 24 घंटे में कार्रवाई करना चाहिए। लेकिन इस मामले में 20 दिन का समय लग गया वो भी तब जब पीड़ित हाईप्रोफाइल है। आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि सामान्य पीड़ितों के मामले में कार्रवाई की रफ्तार कितनी धीमी रहती होगी।
नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी के चीफ वार्डन प्रोफेसर उदयप्रताप सिंह ने कहा है कि रैगिंग मामले में दोनों पक्षों से पूछताछ की गई। सीसीटीवी कैमरों के वीडियो के आधार पर तीन छात्रों को दोषी पाया गया है। उन पर कार्रवाई की गई है। उन्हें हॉस्टल से बाहर कर दिया गया है। रिपोर्ट यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को भी भेज दी गई है।
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