(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

2023 के प्लानर को संबंध दे रहे टेंशन

मिशन 2023 फतह करने की कमान संभाले बैठे दिल्ली के नेता का निजी सर्वे क्या आया, नेताजी को खासी टेंशन हो गई है। कारण है पार्टी के कई विधायक और दावेदारों के विपक्षी दल के नेताओं से खासे अच्छे संबंध हैं। सर्वे में इस बात के भी इनपुट मिले हैं कि ये संबंध विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। क्योंकि टिकट न मिल पाने की स्थिति में ऐसे दावेदार पार्टी की गाइडलाइन से हटकर संबंध भुनाने में जुट सकते हैं। नेताजी अब इसकी काट का फाॅर्मूला तैयार करने में जुटे हुए हैं और प्राथमिकी रूप से बीजेपी प्रदेश कार्यालय को फौरी गाइडलाइन भेजी जा चुकी है। इसकी भनक विपक्ष में संबंध बनाने वाले नेताओं को लगते ही उनकी सांसे फूल गई हैं। क्योंकि नेताजी को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है।

बंगलों पर दावेदारों के गुप्तचर

मध्य प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल के दो कर्ताधार्ता नेताओं के बंगलों पर इन दिनों गुप्तचर पहरा दे रहे हैं। ये गुप्तचर सरकार या सत्ताधारी पार्टी के नहीं बल्कि उन्हीं के पार्टी के दावेदारों ने छोड़ रखे हैं। गुप्तचरजी आते हैं और चार-नाश्ता से दूर रहकर सिर्फ मेल-मुलाकातों पर नजर रखते हैं। इनकी दिलचस्पी सिर्फ इसमें रहती है कि फलां विधानसभा के किस नेता ने बायोडाटा पुटअप कर दिया है। सूचना लगते ही तुरंत आकाओं को अलर्ट कर दिया जाता है।

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रिटायरमेंट के बावजूद साहब को पद पसंद

मध्यप्रदेश के सिंधिया समर्थक मंत्री जी के एक निज सचिव को सरकारी नौकरी इतनी प्यारी है की साहब का रिटायरमेंट हो चुका है लेकिन वो दफ्तर आना नहीं छोड़ रहे हैं उलट मंत्री जी के सारे कार्यक्रमों पर खुद ही साइन कर रहे हैं। नई नवेली बने निज सचिव हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं कुछ नहीं कर पा रहे हैं बस ये सब कुछ देखते रहते हैं। मंत्री जी को भी बिना सैलरी वाला निजी सचिव मिला हुआ है। इसलिए कुछ नहीं कहते, पता लगा है कि निज सचिव संविदा के लिये जोर लगा चुके लेकिन कुछ मिला नहीं।

दिग्गज नेता को फोटो पसंद नहीं

मध्यप्रदेश के एक दिग्गज नेता जी दिखावा पसंद नहीं करते। सोशल मीडिया के इस जमाने में उन्हें फोटो क्लिक करना पसंद नहीं है। पिछले दिनों नेता जी दिल्ली में अपने बड़े नेताओं से मिलने पहुंचे मिलने के बाद बकायदा उनकी टीम की तरफ से इसकी जानकारी दी गई, लेकिन फोटो नहीं दिया गया। जब पता किया गया की मुलाकात हुई तो फोटो सामने क्यों नहीं आये जानकारी लगी है नेताजी की याद ही नहीं था मुलाकात के बाद आज के युग मे चित्र क्लिक करना जरूरी हो गया है।

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चर्चा जोरों पर है

मध्य प्रदेश में राखी का त्योहार बहनों के लिए कैसा रहेगा। इस पर नजर अकेले बहनों की ही नहीं बल्कि प्रदेश के प्रमुख दलों से लेकर श्यामला हिल्स के बी-9 तक की है। कारण है कि राखी पर लाड़ली बहनों को हर महीने की 10 को मिलने वाला उपहार कहीं बढ़कर तो नहीं मिलने जा रहा है। यदि उपहार की राशि बढ़ी हुई मिली तो नारियों के सम्मान में वचन पर नए सिरे से मंथन होगा।

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