शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मां भद्रकाली बिजासन दरबार परिसर में 30 सितंबर को स्वामी पुरुषोत्तमानंद ने भूमिगत समाधि ली थी. आज 72 घंटे की भूमिगत समाधि के बाद बाहर निकल आए हैं. सुबह 11:10 पर भू समाधि से बाहर निकाला गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद के साथ मेडिकल टीम मौजूद रही.
भोपाल स्थित टीटी नगर स्थित मां भद्रकाली बिजासन दरबार परिसर में स्वामी पुरुषोत्तम नंद महाराज ने 3 दिन के लिए भू समाधि ली थी. बाबा ने जमीन में 7 फिट गहरे गड्ढे में भूमिगत समाधि लिया था. जहां वो तपस्या में लीन थे. मंत्रोचारण के साथ संतों की मौजदूगी में बाबा पुरषोत्तमानंद 72 घंटे बाद बाहर निकाले.
पुरषोत्तमानंद के समाधि से बाहर आने पर तबीयत को लेकर जब सवाल पूछा गया, तो उनका कहना था कि मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं. मुझे कोई भी दिक्कत नहीं है. इसलिए अस्पताल नहीं ले जाया गया है. डॉक्टर की टीम वहां पर तैनात थी. समाधि से निकलने के बाद बाबा ने पानी पीया और भक्तों को अपने दर्शन दिए. इसके साथ ही उन्होंने भक्तों को संबोधित भी किया और कहां मेरी तपस्या और तप पूरी हुई.
समाज को एक संदेश देना चाहता हूं कि सभी एक दूसरे की मदद करें. कोई भी एक दूसरे से शत्रुता ना रखें. युवाओं को भी धर्म पर चलने का संदेश पुरुषोत्तमनंद महाराज ने दिया. बता दें 3 दिन पहले यानी 72 घंटे पहले पुरुषोत्तमनंद महाराज ने फैसला लिया था कि वह 3 दिन की भूमिगत समाधि लेंगे. इसके लिए उन्होंने 10 दिन पहले से खाना खाना छोड़ दिया था. साथ ही 3 दिन तक समाधि के दौरान पानी भी नहीं पीया और पूरी तरह से अपनी तपस्या में लीन रहे.
जानकारी के अनुसार भोपाल साउथ टी.टी. नगर स्थित देवी भद्रकाली विजयासन दरबार परिसर में 30 सितंबर को सुबह 10 बजे स्वामी पुरुषोत्तमानंद महराज ने तीन दिवसीय भूमिगत समाधि साधना ली थी. इस दौरान बड़ी संख्या में साधु संत और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में ब्राह्मणों द्वारा वेदमन्त्रों के बीच साधना की शुरुआत हुई.
समाधि साधना के लिए दरबार परिसर में पांच फीट चौड़ा, छह फीट लम्बा और सात फीट गहरा गड्ढा समाधि स्थल तैयार किया गया था. पुरुषोत्तमानंद ध्यानमुद्रा बनाकर आसन लगाए. इसके बाद उक्त गड्ढे को लकड़ी के पटियों से ढंक दिया गया. वहां पर वस्त्र बिछाकर फूल चढ़ाए दिए गए थे. स्वामी पुरुषोत्तमानन्द ने अपने द्वारा भूमिगत समाधि साधना का उद्देश्य लोक कल्याण की कामना बताया था.
धर्म-कर्मः पुलिस की मौजूदगी में स्वामी पुरुषोत्तमनंद ने ली भूमिगत समाधि, तीन दिन बाद आएंगे बाहर
बाल्यकाल से ही देवी भगवती की आराधना में संलग्न पुरुषोत्तमानन्द ने समाधि के पहले बताया कि भूमिगत समाधि के लिए उन्हें माता ने ही प्रेरित किया है. उन्हें पूरा भरोसा था कि उनके द्वारा भूमिगत समाधि साधना का यह अनुष्ठान पूर्णतया सफल होगा और इससे माता रानी के आशीर्वाद स्वरूप जो भी सिद्धि प्राप्त होगी. उसका उपयोग वह निःस्वार्थ भाव से प्राणी मात्र के कल्याण के लिए करेंगे.
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