शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में रिश्वतखोर ‘सरकारी नौकरों’ की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। प्रदेश में घूसखोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अधिकांश सरकारी दफ्तरों में बिना घूस दिए काम नहीं होते हैं। ताजा मामला राजधानी भोपाल से आय़ा है। यहां लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत के मामले में एक साथ दो कार्रवाई की है। टीम ने दो रिश्वतखोर बाबुओं को अपने शिकंजे में लिया है।

टीकमगढ़ में घूस लेते BMO गिरफ्तार: सागर लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा, इस बात के लिए मांगी थी 50 हजार की रिश्वत

दरअसल, लोकायुक्त की टीम ने कोलार तहसील और बैरागढ़ चीचली के नायब तहसीलदारों के बाबुओं को घूस लेते हुए पकड़ा है। कोलार तहसील की नायब तहसीलदार शिवांगी खरे के बाबू लक्ष्मी नारायण मिश्रा को लोकायुक्त ने फोती नामांतरण के नाम पर 50 हजार घूस लेते हुए दबोचा है।

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वहीं बैरागढ़ चीचली के नायब तहसीलदार आदित्य झंगाले के बाबू सौदान सिंह को 15 हजार की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है। दोनों मामलों में रंगे हाथों पैसे लेते गिरफ्तारी की गई है। इससे पहले आज सुबह ही लोकायुक्त ने टीकमगढ़ में कार्रवाई करते हुए बीएमओ डॉ. अर्चना राजपूत को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई सागर लोकायुक्त पुलिस ने की है। बीएमओ ने सील क्लीनिक को खुलवाने के नाम पर संचालक से 50 हजार रुपये की मांग की थी। बाद में 25 हजार में सौदा तय हुआ था।

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