अजय शर्मा, भोपाल। पिछले कुछ सालों से लोगों में अंगदान को लेकर जबरदस्त रुझान राजधानी भोपाल में देखने को मिला। भोपाल में लोग तेजी से अंगदान के लिए आगे आए हैं। 5 सालों में राजधानी में करीब 275 सफल अंग प्रत्यारोपण हुए। इसमें से 78 फीसदी मामलों में महिलाओं ने अपने अंग देकर पुरुषों की जान बचाई है। समूचे मध्यप्रदेश में यह पहला मामला है, जहां अंगदान को लेकर महिलाएं इतनी तेजी से निकल कर सामने आई हैं। दूसरी ओर 21फीसदी पुरुषों ने ही अंग दान किए, इसमें से भी 8 फ़ीसदी अंग पुरुषों को ही लगाए गए।

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भोपाल में 275 ट्रांसप्लांट

राजधानी में 275 ट्रांसप्लांट में सबसे ज्यादा 192 ट्रांसप्लांट बंसल अस्पताल में हुए। यहां हुए प्रत्यारोपण में 156 ने ऑर्गन डोनेट किए। पुरुष डोनर सिर्फ 36 ही रहे। सबसे बड़ी बात यह है कि अंग लेने में पुरुष महिलाओं से काफी आगे हैं। 145 पुरुष रेसिपिएंट थे। इसी तरह सिद्धांता अस्पताल में हुए 41 ट्रांसप्लांट में से महिला डोनर 28 थी, वहीं 30 पुरुष रेसिपिएंट थे।

यह अंगदान की स्थिति

अस्पताल कुल अंग प्रत्यारोपण डोनर रेसिपिएंट

बंसल अस्पताल। 192 अंग प्रत्यारोपण। 156 महिलाएं और पुरुष 36। पुरुष-145 और महिला 47

सिद्धांता अस्पताल। 192अंग प्रत्यारोपण। महिलाएं 28 और पुरुष 13। पुरुष 30 और महिलाएं-11

हमीदिया अस्पताल। 3 अंग प्रत्यारोपण। महिला 2 और पुरूष-1। पुरुष- 2 और महिला- 1

दाताओं में पहले नंबर पर पत्नी

आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो अंगदान करने में पत्नियों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है। महिला डोनर के रूप में 56 फ़ीसदी डोनर पत्नियां ही है। वहीं 28 फ़ीसदी मां ने भी अंगदान कर बच्चों को नई जिंदगी दी। इसके बाद बहन, बुआ और मौसी जैसे रिश्ते निकल कर सामने आए हैं।

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