स्पेशल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी यह तो तीन दिसंबर को पता चल जाएगा। लेकिन इसके पहले एमपी में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। सत्ता में आने के बाद किस पार्टी की ओर से कौन सीएम बनेगा इसे लेकर हलचलें शुरू हो गई है। बीजेपी की बात करें तो, एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में तीन केंद्रीय मंत्री समेत सात सांसदों को टिकट देकर सभी को चौंका दिया हैं। यही वजह है कि BJP की ओर से सीएम फेस कौन होगा ? इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हैं।

भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री फेस को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बीजेपी ने CM शिवराज सिंह चौहान को बुधनी सीट से उम्मीदवार बनाया है, लेकिन पार्टी ने उन्हें सीएम फेस प्रोजेक्ट करने से परहेज किया है। भाजपा ने इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है। इसके अलावा BJP ने कई बड़े चेहरों को चुनाव मैदान में उतारकर मुख्यमंत्री पद की रेस को दिलचस्प बना दिया है। यही वजह है कि अब पार्टी के अंदर और बाहर सवाल उठने लगा है कि 3 दिसंबर मतगणना के बाद अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा ?

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हालांकि सीएम शिवराज अगले मुख्यमंत्री की रेस में खुद को बनाए हुए हैं। वे चुनावी सभाओं में जनता से पूछते रहे कि अगला मुख्यमंत्री शिवराज मामा को बनना चाहिए कि नहीं ? लेकिन सूत्र बताते हैं कि सीएम की कुर्सी का फैसला चुनाव जीतने के बाद ही होगा। शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल राज्य के सबसे बड़े वोटर ओबीसी वर्ग से आते है।

वहीं MP विधानसभा का चुनाव लड़ रहे दिग्गजों की बात की जाए तो सभी अपने-अपने जाति और वर्ग के बड़े नेता हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद राकेश सिंह सवर्ण (क्षत्रिय) वर्ग, कैलाश विजयवर्गीय सवर्ण (वैश्य) वर्ग, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी वर्ग के बड़े नेता है। अनुसूचित जाति को साधने के लिए लाल सिंह आर्य पार्टी का बड़ा चेहरा हो सकते हैं।

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इसी वजह से इन दिग्गजों के नाम भी अगले सीएम की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। वैसे तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव भी इशारों-इशारों में CM की कुर्सी पर अपना दावा ठोक चुके हैं। अब देखना होगा कि तीन दिसंबर को होने वाली मतगणना के बाद अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा ?

दिग्गजों का एडजस्टमेंट प्लान, MP को मिलेगा डिप्टी सीएम ?

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने एमपी विधानसभा चुनाव में इस बार कई दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है। इसलिए दोनों पार्टियों के लिए सभी को संतुष्ट करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए सियासी दल डिप्टी सीएम का फॉर्मूला भी अपना सकते है। इसे लेकर आदिवासी और ओबीसी वर्ग से लॉबिग भी शुरू हो गई है। सरकार बनने पर राजनीतिक पार्टियां दिग्गजों को एडजस्टमेंट करने डिप्टी सीएम का पद ला सकती है।

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बीजेपी में ये हो सकते हैं डिप्टी CM के दावेदार

बताया जा रहा है भाजपा में मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से हो सकता है। अगर डिप्टी सीएम का पद लाया गया तो सामान्य वर्ग और एससी वर्ग से हो सकते है। सामान्य वर्ग से डिप्टी सीएम की रेस में गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, गोविंद सिंह राजूपत का नाम आगे हैं। SC कैटेगरी से हरिशंकर खटीक, तुलसी राम सिलावट, और प्रभुराम चौधरी का नाम पर चर्चा हो सकती है।

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कांग्रेस में ये नाम आगे

कांग्रेस की बात करें तो आदिवासी वर्ग से ओमकार मरकाम, उमंग सिंघार, फुंदेलाल मार्कों और ओबीसी वर्ग से कमलेश्वर पटेल, जीतू पटवारी, सचिव यादव का नाम डिप्टी सीएम की रेस में शामिल हो सकता हैं। फिलहाल सभी को नतीजों का इंजतार है। मतगणना के बाद कौन सी पार्टी सत्ता पर काबिज होती है ? मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? दिग्गजों को कैसे एडजस्ट किया जाएगा ? यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।

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