मुकेश मेहता, बुधनी। जब कोई व्यक्ति किसी काम को मन से करने को ठान ले तो वह कार्य में जितना भी मुसीबत आए उसे पूरा कर ही लेता है। यही कारनामा मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर जिले के बुधनी (Budhni) निवासी नीरज (Neeraj) ने करके दिखाया है। सूरदास के नाम से मशहूर नीरज ने नर्मदा परिक्रमा (Narmada Parikrama) पूरी कर आज बुधनी पहुंचे। जहां उनका बीजेपी मंडल अध्यक्ष और अन्य लोगों ने स्वागत किया।

बुधनी निवासी नीरज जन्म से ही नेत्रहीन हैं, उनको बड़े दिनों से नर्मदा परिक्रमा करने की इच्छा थी। इसी इच्छा के साथ वे जनवरी 2023 को बुदनी के नर्मदाघाट से परिक्रमा की शुरूआत की और अकेले ही नर्मदा परिक्रमा के लिए निकल पड़े। इस दौरान जगह-जगह स्थानीय लोगों ने उसकी सहायता की। 144 दिन के बाद उनकी परिक्रमा नर्मदा घाट पहुंचकर पूरी हुई। जहां बीजेपी मंडल अध्यक्ष राजेश पाल सहित अन्य लोगों ने उनका स्वागत किया।

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हालांकि सबसे बड़ी रोचक बात यह है कि नीरज नेत्रहीन होने के बाद भी मोबाइल और लेपटाप पूरी तरहल चला लेते हैं और अपने काम खुद ही मोबाइल पर कर लेते हैं। बीजेपी मंडल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सूरदास के इस प्रयास के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने की मांग की है। कहा जा रहा है कि इस तरह की परिक्रमा पहली परिक्रमा है।

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