मोसीम तडवी, बुरहानपुर। मप्र के बुरहानपुर जिले के इतिहास में पहली बार अखिल भारतीय महापौर परिषद का 52वां वार्षिक साधारण सभा का आयोजन हुआ। इस महापौर सम्मलेन में देश के 190 मेयर शामिल होने वाले थे, लेकिन नाममात्र के 33 मेयर ही इसमें शिरकत कर पाए, यानि 18 प्रतिशत ही मेयर शामिल हुए। सम्मलेन में नहीं पहुंचे महापौरों से परिषद् के सदस्य कारण पूछेंगे की वो इस अखिल भारतीय महापौर परिषद सम्मलेन में क्यों शामिल नहीं हुए।
अखिल भारतीय महापौर सम्मलेन के पहले निगम ने साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया और इंदौर की तर्ज पर साफ सफाई की। क्यों कि देशभर के महापौर जो आने वाले थे। बहरहाल सम्मलेन में भले ही 33 मेयर पहुंचे हो, लेकिन शहर की सफाई व्यस्था बेहतर हो गई। जगह-जगह डिवाइडरों का रंग रोगन हो गया, साथ ही बड़े स्तर पर साफ सफाई हो गई। शहर के शनवारा चौराहे से लेकर लालबाग और बिटिया मार्ग से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक के रोड पर डिवाइडरों का रंगरोगन और साफ सफाई ऐसी हुई कि कुछ पल के लिए इंदौर शहर की याद आ गई।
14 मार्च तक चलेगा सम्मलेन
अखिल भारतीय महापौर परिषद का सम्मलेन 13 और 14 मार्च को शहर के निजी होटल में आयोजित हो रहा है। जिसमें देशभर के 190 मेयर में से 33 मेयर ही बुरहानपुर की पवनधारा पर पहुंचे है, किसी कारण से कई प्रदेशों के मेयर नहीं पहुंच पाए।
महापौर के अधिकार सही कई मुद्दों पर होगी चर्चा
अखिल भारतीय महापौर परिषद का 52वां वार्षिक साधारण सभा में महापौर के अधिकारों पर भी बात होगी। महापौरों को क्या क्या दिक्कते आती है उस पर भी बात होगी। इस सम्मेलन में मेयर के अधिकारों सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
सम्मलेन में पास हुए प्रस्ताव केंद्र और राज्य सरकारों को भेजेंगे
दो दिवसीय इस महापौर सम्मलेन में जो भी प्रस्ताव पास होंगे उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों को भेजेंगे। आज सम्मलेन का पहला दिन था। जितने मेयर आने की उम्मीद थी, उससे कई गुना कम ही पहुंच पाए।
महापौर सम्मलेन को लेकर सफाई पर विशेष ध्यान
देशभर के महापौर इस सम्मेलन में आने वाले थे, जिसको लेकर नगर निगम ने शहर को चमका दिया, शहर सुंदर दिखे इस लिए साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया और इसके जरिए शहर की तस्वीर बदल दी।
आमंत्रण पत्र पर नाम नहीं होने से अध्यक्ष ने बनाई दूरी, कुछ देर बाद पहुंची
अखिल भारतीय महापौर परिषद का 52वां वार्षिक साधारण सभा के आयोजन के लिए आमंत्रण पत्र छपवाए थे, जिसमें नगर निगम अध्यक्ष अनीता यादव का आमंत्रण पत्र पर नाम नहीं होने से उन्होंने इस बड़े आयोजन से दूरी बना ली। लेकिन फिर बाद में अध्यक्ष को भी इस आयोजन में जाना पड़ा। अध्यक्ष का आमंत्रण पत्र में नाम नहीं होने से ये स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा की महापौर इस आयोजन में राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में पार्टीवाद करते नजर आ रहे है, जबकि प्रोटोकॉल के अनुसार आमंत्रण पत्र पर निगम अध्यक्ष का नाम भी दिया जाना था।
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