शुभम नांदेकर, पांढुर्णा। छिंदवाड़ा (Chhindwara) के पांढुर्णा में गोटमार मेले में झंडा तोड़ने गया युवक जाम नदी में बह गया। वहीं मेले में 198 लोग घायल हुए हैं, जिसमें से 2 की हालत गंभीर है। जानकारी के अनुसार, उनको नागपुर को रेफर किया गया है।

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दरअसल, चंडी मां की पूजन-अर्चना के बाद जाम नदी के बीचोबीच पलाश का पेड़ लगाकर पूजा-अर्चना की गई। पलाश के पेड़ पर झंडा लगाया गया। करीब 12.45 बजे गोटमार खेल शुरू हुआ। यहां पांढुर्णा और सावरगांव के ग्रामीण एक-दूसरे पर पत्थर बरसाए। वहीं बारिश के चलते जाम नदी का जलस्तर बढ़ गया। बताया जा रहा है कि बाढ़ के बीच झंडा तोड़ने गया युवक नदी में बह गया। जिसके उसकी मौत हो गई। हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

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प्रेमीयुगल की कहानी
एक प्रचलित किवदंती के अनुसार पांढुर्णा के युवक और सावरगांव की युवती के बीच प्रेम संबंध थे। प्रेमी युवक ने सावरगांव पहुंचकर युवती को भगाकर पांढुर्णा लाना चाहा, पर दोनों के जाम नदी के बीच पहुंचते ही सावरगांव में खबर फैल गई। प्रेमीयुगल को रोकने सावरगांव के लोगों ने पत्थर बरसाए, वहीं जवाब में पांढुर्णा के लोगों ने भी पत्थर बरसाए। इस पत्थरबाजी में प्रेमीयुगल की तो मौत हो गई, पर तब से गोटमार मेले की परंपरा जारी है।

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