आकिब खान, हटा (दमोह) जब प्रदेश में सरकार भाजपा की और नगर पालिका कांग्रेस की तो शहर में विकास की कल्पना एक सफेद हाथी की तरह नजर आती है। ऐसे में सरकार की योजनाओं को संचालित करने बैठा सरकार का प्रतिनिधि अपनी बल्ले बल्ले करने से नहीं चूकता है। ऐसा ही कुछ मामला हटा नगर पालिका परिषद में दिखाई दे रहा है।
नगर पालिका के सभागार में नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र खटीक और उपाध्यक्ष प्रशांत पाठक ने वर्ष 2022 में निर्वाचित परिषद की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि हमनें आमजन से जो वादा करके परिषद का गठन करके नगर के विकास कार्यो में गति प्रदान की वह सत्ता में बैठे प्रतिनिधियों को रास नहीं आ रही है। उन्होने विकास कार्यो पर कलंक बनकर बैठे नगर पालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेंद्र खरे को उल्टा ज्ञान प्रदान करके नगर के विकास कार्यो पर काली परछाई बनकर खिलवाड़ कर रहे है।
अध्यक्ष ने आरोप लगाते कहा कि सीएमओ के द्वारा जो खरीदी की जा रही है वह उनके ग्रह जिला टीकमगढ़ से की जा रही है जिसके फर्जी बिल लगाये जा रहे है, जिनका उन्हें भुगतान कर दिया गया है। जबकि परिषद के द्वारा जब सामग्री का भौतिक सत्यापन किया गया तो कई सामग्री कहीं दिखाई ही नहीं दी, कागजों पर सामग्री की खरीदी की गई है, छोटी छोटी सामग्री जो स्थानीय स्तर पर खरीदी की जा सकती थी वह भी कम दर पर। लेकिन सीएमओं के द्वारा वह सामग्री दूसरे जिला से अपनी कृपा पात्र दुकानदारों से खरीदी की जा रही है।
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अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएमओ के द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर खरीदी की जा रही है, जिससे सरकारी राशि का दुरुपयोग हो रहा है। परिषद के सदस्यों ने कहा कि हम सबने इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव तक की है, लेकिन सत्ताधारी दल का समर्थन मिलने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। परिषद ने सीएमओं के विरूद्ध न्यायालय में जाने एवं आमजन का सहयोग लेकर धरना, प्रदर्शन एवं अनशन करने की बात कही।
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