रवि रायकवार, दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। भारी मात्रा में उपयोग वाली दवाइयां कचरे के ढेर में मिलने से हड़कंप मच गया है। सभी अलग-अलग बीमारियों में उपयोग की जाने वाली दवाइयां हैं। कचरे में दवाइयों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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एक तरफ मरीज दवाओं के लिए परेशान होते हैं, डॉक्टर उन्हें बाजार की महंगी दवाएं लिख रहे हैं उन्हें ये बताया जाता है कि स्टोर में दवाएं नहीं बची हैं। दूसरी और सरकारी सप्लाई की दवाओं को कचरे के ढेर में फेंका जा रहा है। हैरत की बात ये है कि कचरे में फेंकी गई दवाओं की एक्सपायरी वर्ष दिसंबर 24 और 2025 है। इधर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को लीपापोती करने में जुटे हैं l
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