रवि रायकवार, दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है। जिससे शिक्षा विभाग पर सवाल उठना लाजमी है। दरअसल, यहां सरकारी स्कूलों के बच्चों को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ याद ही नहीं है। इतना ही नहीं शिक्षक भी किताबों को देखकर गीत गा रहे है। होश तो तब उड़ गए जब इस गीत के रचयिता के बारे में पूछा गया। जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।
दरअसल, मध्य प्रदेश में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। इसी कड़ी में दतिया जिले में भी सरकारी विभागों में वंदे मातरम् गाया गया, लेकिन बात करें दतिया के शिक्षा विभाग की तो स्कूलों में बच्चों को राष्ट्रगीत तक याद नहीं। मामला शासकीय प्राथमिक विद्यालय लमायचा का है। जहां बच्चों के साथ ही शिक्षक भी किताबों में देखकर वंदे मातरम् का गायन कर रहे है।
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मीडिया ने जब स्कूली बच्चों से सवाल किया कि आपको वंदे मातरम् आता है तो नन्हें बच्चों का कहना था कि नहीं आता है। यही सवाल स्कूल के शिक्षक व शाला प्रभारी दिनेश साहू से किया तो उनका कहना है कि हमको आता है। लेकिन कैमरे के सामने वह पूरा वंदे मातरम् नहीं गा पाए। हद तो तब पार हो गई, जब वंदे मातरम् के रचयिता के बारे में पूछा गया। इस सवाल पर शिक्षक दिनेश ने कहा कहा कि वंदे मातरम् की रचना रवींद्र नाथ टैगोर जी ने की थी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर शिक्षा का स्तर कहां जा रहा है ?
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