रवि रायकवार, दतिया। मध्यप्रदेश के दतिया जिले के एक छोटे से गांव का किसान विलक्षण प्रतिभा का धनी है। उसके गले में आवाज का जादू ऐसा है कि वह कई वाद्य यंत्रों, पशु पक्षियों और गाड़ी के हॉर्न की आवाज निकाल लेता है। इसे देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
जी हां हम बात कर रहे भगवान दास कौरब की। जो दतिया से करीब 70 किलोमीटर दूर भांडेर तहसील के एक छोटे से गांव कुरगांव में जन्म लिया है। भगवान दास विलक्षण प्रतिभा के धनी है, इनके गले में जादू है। ये अपने गले से रमतूला, तबला, ढोलक, शहनाई, कई सारे पशु पक्षियों और गाड़ी, एंबुलेंस के हॉर्न सहित ट्रेन की आवाज निकाल लेते हैं।
भगवान दास कौरब ने पशु पक्षियों या अन्य आवाज निकालने के लिए किसी को गुरु भी नहीं बनाया। बस धीरे-धीरे अभ्यास किया और किसी की भी आवाज निकालने में महारत हासिल कर ली। भगवान दास को मलाल इस बात का है कि इतनी प्रतिभा होने के बावजूद उनकी आवाज न तो शासन प्रशासन तक पहुंची और न ही कोई ऐसा मंच मिला, जिससे वे गुमनामी के अंधेरे से बाहर निकल पाते।
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भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन शासन और प्रशासन का कोई ऐसा मंच अब तक नहीं बन पाया जिससे प्रतिभाओं को अवसर मिल सके। शायद यही वजह है कि भगवान दास कौरब जैसी प्रतिभाएं गुमनामी के अंधेरे में ही खो कर रह जाती हैं।
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