न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी पिता ने नवजात शिशु की मौत के लिए छत्तीसगढ़ के मीरा देवी मेमोरियल हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है कि उनके नवजात शिशु की मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाए।

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क्या है मामला

कोतमा निवासी पीड़ित पिता मंजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को बेहतर इलाज और सुरक्षित डिलीवरी के लिए छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ स्थित मीरा देवी मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। पैसे के चक्कर में नॉर्मल डिलेवरी न कर हॉस्पिटल प्रबंधन ने ऑपरेशन की बात बताई। जिसके बाद 25 दिसंबर 2024 को उनकी पत्नी का ऑपरेशन कर नवजात का जन्म हुआ। कुछ ही देर बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई, आनन फानन में अस्पताल प्रबंधन ने उसे रायपुर एम्स रेफर कर दिया।

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एम्स रायपुर के डॉक्टरों द्वारा बच्चे के नाभि में गलत पंचिंग के कारण ब्लड सरकुलेशन बंद न होना मृत्यु का कारण बताया गया। और बच्चे को मृत घोषित कर वापस ले जाने के लिए सलाह दी गई। मंजीत सिंह ने अपने बच्चे को खोने के बाद अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम की मांग की। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मनेंद्रगढ़ कोतवाली में शिकायत दर्ज करनी चाही, तो वहां के पुलिस अधिकारियों ने डॉक्टर के साथ समझौते का सुझाव दिया। विवश होकर मंजीत ने अनूपपुर कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर दफन किए गए बच्चे के शव को निकालने और पोस्टमार्टम कराने की अनुमति मांगी। प्रशासन ने उनकी मांग स्वीकार की, जिसके बाद शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर पोस्टमार्टम कराया गया।

मंजीत सिंह ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गलत इलाज की वजह से उन्होंने अपने नवजात को खो दिया। वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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