रेणु अग्रवाल, धार। भोजशाला ASI सर्वे का आज 37वां दिन था। ASI की 22 सदस्यीय टीम मजदूरों के साथ सुबह 8 बजे सर्वे के लिए भोजशाला पहुंची और शाम 5 बजे सर्वे पूरी कर बाहर निकली। आज भोजशाला और दरगाह परिसर में सर्वे जारी रहा। इसके अलावा भोजशाला के अंदर मिट्टी हटाने, क्लीनिंग और लेबलिंग का कार्य जारी रहा। दरगाह परिसर में शिलालेखों का क्लीनिंग का काम भी जारी रहा। कल मिट्टी हटाने के दौरान बिखरे हुए अवशेष मिले थे, उनकी केमिकल से क्लीनिंग की जा रही है।
भोजशाला में जीपीआर मशीन लगाने के लिए कल 2 विशेषज्ञों की टीम हैदराबाद से आई थी। उन्होंने भोजशाला परिसर के 50 मीटर एरिया में प्वाइंट लगाए है। जमीन के अंदर की लेजर तकनीक से सर्चिंग की गई है। अब जल्द ही जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रेडार) मशीन आने वाली है, जिससे भोजशाला परिसर के अंदर के अवशेषों को देखने में मदद मिलेगी। पिछले दिनों गर्भगृह के सामने खुदाई के दौरान तीन दीवारें नजर आई थी, वहां से मिट्टी हटाने के दौरान खंडित प्रतिमा का हिस्सा ऊपरी भाग मिला था। जिसे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने सनातनी प्रतिमा का हिस्सा होने का दावा किया था।
कमाल मौलाना दरगाह परिसर में केमिकल ट्रीटमेंट का कार्य जारी है। शिलालेखों की सफाई के साथ पेपर स्टांप पर चित्रों को ऊकेरने का काम चल रहा है। एएसआई को उच्च न्यायालय में जितना कार्य हुआ है उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। 8 सप्ताह का समय बढ़ाने की आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के द्वारा जो एप्लीकेशन दी गई है, उसके तहत जो अभी तक काम हुआ। है इन सब का लेखा-जोखा एएसआई कोर्ट में प्रस्तुत करेगी।
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