अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने गुजरात सरकार पर मेहरबानी दिखाई है। एमपी का तेजतर्रार ‘पंचम’ (बाघ) पिछले दरवाजे से गुजरात पहुंच गया। अब रिलायंस के प्राइवेट जू ग्रींस जूलॉजिकल रेस्क्यू रिहैबिलिटेशन सेंटर जामनगर (गुजरात) में ‘पंचम’ की दहाड़ सुनाई देगी। कुछ दिनों बाद तीन तेंदुआ को भी मध्यप्रदेश सरकार गुजरात सरकार को सुपुर्द करेगी। जबकि एमपी 10 साल से गिर के शेरों के लिए तरस रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी एमपी को गुजरात गिर के शेर नहीं मिले।
कान्हा टाइगर रिजर्व हुआ था जन्म
‘पंचम’ बाघ का जन्म कान्हा टाइगर रिजर्व में हुआ था। ‘पंचम’ बचपन से ही आक्रमक और दूसरे बाघों से काफी अलग था। साथी बाघों से हुई आपसी लड़ाई में इसके दांत टूट गए थे, तभी से खुले जंगल में शिकार करने में असमर्थ था।
‘पंचम’ को वन्यप्राणी विभाग ने 17 दिसंबर 2020 को वन विहार नेशनल पार्क में शिफ्ट कर दिया था। तब इसकी उम्र तीन वर्ष पांच माह थी। वर्तमान में ‘पंचम’ की उम्र साढ़े चार वर्ष है>
अब पार्क में 13 बाघ बचे
‘पंचम’ के जाने के बाद अब वन विहार नेशनल पार्क में 13 बाघ बचे हैं। सभी स्वस्थ्य है। इनमें से चार बाघ डिस्प्ले बाड़े में रखे जा रहे हैं, जिन्हें पर्यटक देख सकते हैं।
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