दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्य प्रदेश से एक बार फिर दिल को झकझोर कर रख देने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, मेडिकल कॉलेज से शव वाहन नहीं मिलने पर एक बेबस पिता अपने नवजात बच्चे का शव थैले में रखकर डिंडोरी (Dindori) पहुंचा। जब मीडिया को जानकारी लगी, तब मानवता को शर्मसार करने वाली इस पूरी घटना का खुलासा हुआ।

महिला की बड़ी बहन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 जून को सहजपुरी निवासी सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी बाई ने जिला चिकित्सालय में नवजात को जन्म दिया। बच्चा कमजोर था और उसका उपचार जिला चिकित्सालय डिंडोरी में संभव न होने के चलते जबलपुर मेडिकल कॉलेज (Jabalpur Medical College) रेफर कर दिया गया। जहां नवजात की मौत हो गई।

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नवजात की मौत के बाद उन्हें बच्चे का शव वापस डिंडोरी तक लाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कोई साधन मुहैया नहीं करवाया। आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी दंपत्ति निजी वाहन की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं था। तब बेबस परिजनों ने नवजात बच्चे के शव को थैले में छिपा कर रख लिया, ताकि बस संचालक और सहयात्रियों को इसकी जानकारी न लगे और वे बस से डिंडोरी पहुंच सके।

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थैले में बच्चे का शव लेकर परिजनों के डिंडोरी पहुंचने की खबर लगते ही बस स्टैंड पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। नवदंपति की बेबसी और मानवता को झकझोर देने वाली इस घटना से हर किसी का दिल पसीज गया। वहीं लोग प्रदेश की सरकारी व्यवस्थाओं को कोसते रहे। इस तस्वीर के सामने आने के बाद एमपी के स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर सवाल उठ रहे है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था किस कदर बदहाल है।

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