दीपक ताम्रकार, डिंडोरी/प्रदीप मालवीय, उज्जैन। मध्य प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश होने के लाखों दावे करती है, लेकिन प्रदेश में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा। प्रदेश में आए दिन रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे हैं। फिर डिंडोरी जिले में घूसखोरी का मामला सामने आया है। लोकायुक्त (Lokayukta) ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer) को एक प्राचार्य से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
दरअसल, डिंडोरी के विकासखंड शिक्षा अधिकारी एसके द्विवेदी ने शासकीय हाईस्कूल चिचरिंगपुर के प्रभारी प्राचार्य राम कुमार सैयाम से वेतन निकलवाने और सस्पेंड न करने के एवज में 25 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। लेकिन प्राचार्य ने इसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से कर दी।
आज जैसे ही कार्यालय में बीईओ एसके द्विवेदी प्राचार्य से रिश्वत ले रहा था, उसी समय लोकायुक्त की टीम ने वहां दबिश दी और बीईओ को रंगे हाथ पकड़ लिया। आवेदक प्रभारी प्राचार्य रामकुमार सैयाम ने बताया कि बीईओ सुरेश कुमार द्विवेदी ने गैर हाजिर रहने पर वेतन निकलवाने और सस्पेंड न करने के बदल उनसे 25 हजार रिश्वत मांगी थी। बाद में 20 हजार में सौंदा तय हुआ। कार्रवाई टीम ने निरीक्षक जीएस मर्सकोले, निरीक्षक आस्कर किंडो समेत अन्य कर्मचारी थे।
5 हजार रिश्वत लेते आयुर्वेदिक कॉलेज का बाबू गिरफ्तार
उज्जैन में लोकायुक्त ने शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी ब्रजेश धाकड को 5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी ने आवेदक जीवन श्रीवास्तव से अनुग्रह राशि निकालने के लिए रिश्वत मांगी थी। पीड़ित की शिकायत पर लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव की टीम ने उसे पकड़ लिया।
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