दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मप्र का आदिवासी जिला डिंडोरी का यू तो कई गांव ओडीएफ प्लस घोषित किया जा चुका है। बड़े-बड़े अक्षरों और पत्थरों में अंकित कर दिया गया है। जिसे देख यही लगता है कि अब गांव में स्वच्छता की बयार आन चली है। घर-घर शौचालय जो बन चुके हैं। लेकिन जब गांव की महिलाओं से बात की गई तो सारी सच्चाई पत्थरों को चीर कर सामने आ गई।
दरअसल, डिंडोरी जनपद के ग्राम पंचायत नरिया के बरबसपुर रैयत गांव को कागजों और शिलालेख में ओडीएफ प्लस घोषित किया जा चुका है। लेकिन गांव की महिलाओं की माने तो पानी की जटिल समस्या और अधिकांश घरों में शौचालय ही नहीं है। शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है।
तो फिर ओडीएफ प्लस ग्राम कैसे घोषित कर दिया गया, यहां समझ के परे है। गांव की महिलाओं ने पानी की समस्या दूर करने और हर घर नल जल योजना के तहत पानी दिये जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।
गांव मे पानी की समस्या आज की नहीं है, बल्कि सालों पुरानी है। महिलाओं को पानी के लिए रोजाना कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। घाट जाना पड़ता है, सड़क विहीन गांव मे बारिश में हालात बदतर हो जाते है। ऐसे में क्षेत्र के शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी भी आज तक गांव मे झांकने नहीं पहुंचे।
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