जीएस भारती. सीहोर। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में लगी हुई है. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। चुनाव के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगाई गई है। इसी बीच सीहोरे में कर्मचारी अपनी परेशानियों को लेकर ड्यूटी कैंसिल कराने कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे है। कई कर्मचारियों की छुट्टियां मंजूर कर ली गई है वही अब भी कई आवेदन पेंडिंग है जिन पर विचार कर निराकरण करने की तैयारी की जा रही है।

अपर कलेक्टर आशीष तिवारी ने बताया कि सीहोर में 6000 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिले में ड्यूटी कैंसिल कराने के लिए अभी तक 300 आवेदन जिला प्रशासन को प्राप्त हुए हैं जिसमें से सौ आवेदन कर्ता की चुनाव ड्यूटी कैंसिल कर दी गई है। बाकी आवेदनों पर विचार कर निराकरण किया जाएगा।

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मेडिकल लीव के लिए होगी जांच

आमतौर पर चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए कई अधिकारी कर्मचारी नए-नए कारण बताते हैं। कोई बीमारी का कारण बता रहा है तो किसी ने शादी के चलते जिला निर्वाचन कार्यालय में चुनाव ड्यूटी से नाम काटे जाने के लिए आवेदन किया है। आमतौर पर बीमारी का हवाला देने पर चुनाव आयोग इसे स्वीकार कर ड्यूटी कैंसिल भी कर देता है लेकिन इस बार आयोग ने इस पर सख्ती दिखाई है। चुनाव ड्यूटी में छूट पाने के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारियों की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड बनाया गया है जो की स्वास्थ्य परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र जारी करेगा। इसी प्रमाण पत्र के आधार पर यह तय किया जाएगा की किस कर्मचारी को छुट्टी देनी है और किसे नहीं।

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