आशुतोष तिवारी, रीवा। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार अनेक सीटों पर रोचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। कई सीटों पर सगे रिश्तेदार ही चुनावी मैदान में आमने सामने हैं। रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा सीट पर भी ऐसे ही हालात हैं। जहां चाचा भतीजे के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट से चौकाने वाले नतीजे आने के पूरे आसार हैं। भाजपा ने जहां विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को अपना प्रत्याशी बनाया है वहीं कांग्रेस ने पद्मेश गौतम को प्रत्याशी बनाकर बड़ा दांव खेला है।


चाचा सीट खाली करो भतीजे की तैयारी करो

इन दिनों देवतालाब विधानसभा में ऐसे ही नारे गूंज रहे है। ये नारे पद्मेश गौतम के समर्थन में कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता लगाते सुने जा सकते है। दरअसल मऊगंज जिले की देवतालाब विधानसभा सीट मध्यप्रदेश की हाट सीट बन गई है। देवतालाब में 2008 से लगातार भाजपा प्रत्याशी गिरीश गौतम चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे है। भाजपा ने इन्हे फिर चौथी बार चुनाव के मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने युवा नेता पद्मेश गौतम को टिकट देकर रोचक मुकाबला बना दिया है। रिश्ते में दोनो प्रत्याशी चाचा भतीजा है। देवतालाब में गौतम परिवार के दोनो प्रत्याशी एक दूसरे को हराने की कवायत में लगे हुए है। कुछ सगे संबधी गिरीश के तो कुछ पद्मेश के साथ है। चाचा गिरीश गौतम इसे रिश्ते की लड़ाई नहीं बल्कि विचारों की लड़ाई मानते है। उनका मानना है की कांग्रेस सनातन विरोधी है। भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते मुझे हराने की जिम्मेदारी दी गई है।

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देवतालाब में भतीजे पद्मेश गौतम के समर्थक एक और नारा बुलंद कर रहे है। “बेटा हारा अब बाप की बारी है”। यह नारा लगने की वजह गिरीश गौतम के बेटे राहुल की हार है। जिला पंचायत के चुनाव में दो भाई पद्मेश और राहुल गौतम के बीच मुकाबला था। इसमें राहुल गौतम को हार नसीब हुई जबकि पद्मेश को जीत। अब राहुल के पिता गिरीश से मुकाबला पद्मेश का है। पद्मेश गौतम ने भाई राहुल गौतम को हराने के बाद चाचा को हराने की पूरी तैयारी बना रखी है। पद्मेश गौतम मानते है की राजनीति की इस महाभारत में विराट का युद्ध हो चुका है कुर्कक्षेत्र का बांकी है।

समर्थकों मे दिख रहा उत्साह


एक साल पहले पद्मेश को मिली इस जीत से उनके समर्थक अति उत्साहित है। गिरीश गौतम अपनी राजनीतिक विरासत राहुल सौपना चाहते थे लेकिन हार ने पानी फेर दिया। पद्मेश के समर्थक यह भूल रहे है की पंचायत के चुनाव में उनका मुकाबला नए नवेले नेता था लेकिन अबकी बार मुकाबला मझे हुए नेता से है। तीन साल पहले निकाय चुनाव में जीत हासिल कर चुके पद्मेश ने तब गिरीश गौतम के पुत्र राहुल को शिकस्‍त दी थी। इस बार वे अपने चाचा को कितनी कड़ी टक्‍कर दे पाते हैं, यह देखना दिलचस्‍प होगा।

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