शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) का बड़ा बयान सामने आया हैं। वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) को लेकर उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार (Modi Government) का एक और खिलौना है, जो जनता को उलझाने के लिए लाया गया है। यह प्रैक्टिकल नहीं है। वहीं कमलनाथ के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया हैं।

पूर्व सीएम कमलनाथ छिंदवाड़ा दौरे पर है। जहां उन्होंने केंद्र की मोदी कैबिनेट के एक देश एक चुनाव के फैसले पर हमला बोला हैं। कमलनाथ ने कहा कि यह प्रैक्टिकल नहीं है। आज अगर देश में कोई पार्टी अविश्वास प्रस्तावना ला दे तो देश के क्या हालात होंगे ? यह मोदी सरकार का एक और खिलौना है जो जनता को उलझाने के लिए लाया गया है। इसके साथ ही पूर्व सीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास कुछ बचा नहीं है, इसलिए फिजूल की बयानबाजी, राहुल गांधी की झूठी आलोचना की जा रही है।

ये भी पढ़ें: One Nation One Election: वन नेशन, वन इलेक्शन पर MP में सियासी घमासान, जानिए किसने क्या कहा..?

BJP ने कमलनाथ के बयान पर किया पलटवार

भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के बयान पर पलटवार किया है। खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस की अड़ंगा लगाने की आदत है। इसी कारण ऐसे बयान आ रहे हैं। वन नेशन वन इलेक्शन से समय की बच होगी। चुनाव का आर्थिक बोझ भी कम होगा, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं चाहती है। इसलिए अड़ंगा लगा रही है।

मोदी सरकार ने दी मंजूरी

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाई गई की रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक लाया जाएगा। वहीं इसे लेकर नेताओं का प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। एक ओर जहां सत्ता पक्ष के लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रहा हैं।

ये भी पढ़ें: One Nation-One Election: वन नेशन वन इलेक्शन’ को संसद में कैसे पास कराएगी मोदी सरकार? 2029 में हुए ONOE चुनाव तो 17 राज्यों में विधानसभाओं का कार्यकाल होगा 3 साल से कम

इन पार्टियों ने किया समर्थन और विरोध

आपको बता दें कि कोविंद समिति ने कुल 62 राजनीतिक दलों से एक राष्ट्र एक चुनाव पर राय मांगी थी। जिनमें से 47 ने अपने जवाब भेजे, जबकि 15 ने जवाब नहीं दिया। 47 राजनीतिक पार्टियों में से 32 पार्टियों ने कोविंद समिति की सिफारिशों का समर्थन किया, जबकि 15 दल विरोध में रहे। जिन 32 पार्टियों ने कोविंद समिति की सिफारिशों का समर्थन किया उसमें ज्यादातर बीजेपी की सहयोगी पार्टियां है। नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी जो मोदी सरकार 2.0 में साथ खड़ी रहती थी उसका रुख भी अब बदल गया है। वहीं जिन 15 पार्टियों ने पैनल की सिफारिशों का विरोध किया उसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दल हैं।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m