शब्बीर अहमद, भोपाल। बकाया न मिलने के कारण मध्य प्रदेश में 15 अप्रैल से प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान कार्ड पर लोगों का इलाज नहीं करेंगे। योजना के तहत 30 दिन में भुगतान नहीं होने पर यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने यह ऐलान किया है।

राजधानी के एक बड़े रेस्टारेंट के खाने में मिला केंचुआ: ग्राहक ने VIDEO बनाकर की शिकायत, खाद्य विभाग ने रद्द किया लाइसेंस

यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि 1 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद एमपी में भुगतान नहीं हो पा रहा है। जबकि उत्तरप्रदेश में जल्द भुगतान हो जाता है। एमपी में 1 साल से अधिक का समय लग रहा है। वेंडर्स भी उधार नहीं दे रहे, मार्केट में कर्जा हो गया है। बायो ऑथेंटिकेशन की समस्या भी खड़ी हो रही है।

नवविवाहिता ने लगाई फांसी: पुलिस को मिले 2 सुसाइड नोट, स्याही का रंग खोलेगा राज ?

बता दें कि एमपी में 622 हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज किए जाते हैं। फ्रॉड के मामले में 3 हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर हुई है। केस न्यायालय के समक्ष है। ऑडिट को लेकर भी समस्या खड़ी हुई है। पिछले 9 महीने से आयुष्मान का मामला पेचीदा हुआ है।

सड़क हादसे में 2 युवकों की दर्दनाक मौत, इधर नाबालिग ने मृत बच्चे को दिया जन्म

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि 100 में से 2 गलत करे और भुगतना सबको पड़े मैं इसे न्याय संगत नहीं समझता। अच्छी संस्थाएं भी पैसे को लेकर परेशान हैं। 5 की करनी 100 की भरनी वाली बात पर शासन को समझना चाहिए। मानवीय आधार पर कोविड के समय काम कराया और कानूनी आधार पर पेमेंट रोक दिया गया। परमिशन शासन से मिली है हमारा शासन भुगतान करे।

ये है डॉक्टरों की मांग

  • 31 मार्च तक का भुगतान हमें शीघ्र किया जाये
  • शासन के पोर्टल पर कार्ड बन रहे हैं और बाद में फर्जी करार कर शासन रोक रही रकम को दिया जाए।
  • आयुष्मान की योजना समिति में हमारा प्रतिनिधित्व दिया जाए।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus