शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश की बीजेपी (BJP) सरकार द्वारा कर्ज लेने का सिलसिला जारी है। मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) चुनावी साल (Election year) में अब चौथी बार कर्ज (Loan) लेने जा रही है।
जानकारी के अनुसार एमपी सरकार 15 साल के लिए 3 हजार करोड़ रुपए का कर्जा लेगी। 21 फरवरी को सरकार रिजर्व बैंक में बांड गिरवी रखकर कर्ज लेगी। पिछले एक महीने में सरकार चार बार कर्जा लेगी चुकी है। इस साल 11 हजार करोड़ का कर्जा ले चुकी है। साल 2022-23 में 14 हजार करोड़ का सरकार ने कर्ज लिया था। साल 2022 में मध्यप्रदेश सरकार को 57 हजार करोड़ का वित्तीय घाटा हुआ है। सरकार तीन लाख 10 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है। बताया जाता है कि सरकार को हर साल 46 हजार करोड़ रुपए देने पड़ रहे हैं।
प्रदेश सरकार की कर्ज पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार कर्जा लेकर इवेंट मैनेजमेंट करने में जुटी है। मुख्यमंत्री का खजाना भरा हुआ वाला बयान बड़ा हास्यास्पद लगता है। प्रदेश का प्रति व्यक्ति 55 हजार का कर्जदार है। कहा-बीजेपी कर्जा लेकर विकास यात्रा निकाल रही है।
मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। बीजेपी का कहना कि कांग्रेस कर्जे से नहीं जन कल्याण योजनाओं से परेशान है। जिसकी साख अच्छी उसे कर्जा मिलता है। जनता के लिए हमें कर्जा लेना पड़ेगा तो आगे और लेंगे। कर्जा लेकर आइफा और नाच गाना करवाना कांग्रेस का काम है। हम कर्जा लेकर सड़क, सिंचाई, युवाओं को फायदा देते हैं। कांग्रेस लाडली बहना योजना से परेशान है।
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