कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। फेसबुक पर सेकेंड हैंड कार बेचने का विज्ञापन देकर पौने दो लाख की ठगी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. राज्य सायबर सेल की टीमों ने जांच की तो पाया कि ठगने वालों ने जिस सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था वह फर्जी नाम पते पर रजिस्टर्ड था. इस मामले में पुलिस ने 8 संदेहियों को हिरासत में लिया, लेकिन जांच में एक बात निकलकर सामने आई कि ठगाें ने एक साल में 20 हजार मोबाइल नंबर पर बात की. ज्यादातर फर्जी नाम पते पर थे. इससे टीम के कान खड़े हो गए. सायबर सेल की टीम ने सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों से संपर्क कर 7948 सिम कार्ड को वेरीफाई करने के बाद ब्लॉक कराया. यह देश में पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में सिम कार्ड ब्लॉक किए गए हैं.

दरअसल, ग्वालियर निवासी फरियादी ने साल 2020 में राज्य साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी कि वो फेसबुक पर एक कार का विज्ञापन देखकर उसमें दिए नबंर पर जब संपर्क किया तो कार बेचने वाले ने उससे 1 लाख 75 हजार रुपए जमा करा लिए, लेकिन उसे कार नहीं मिली. ठगी का अहसास होने के बाद शिकायत की थी. जिसकी जांच शुरू की गई। साइबर टीम ने जांच की तो पता चला कि आरोपी ने फरियादी से बात करने के लिए जिस मोबाइल नंबर का प्रयोग किया था, वह नंबर किसी अन्य व्यक्ति के पहचान पत्र का प्रयोग कर फर्जी तरीके से जारी किया गया था. जांच के बाद फर्जी सिम जारी करने वाले 8 आरोपियों को हिरासत में लिया गया.

आरोपियों की तलाश में डाटा जुटाया तो पता चला कि इस प्रकरण में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों के उपयोगकर्ताओं ने एक साल में लगभग 20 हजार मोबाइल नंबरों का प्रयोग किया है. इन नंबरों को संदिग्ध मानते हुए इन्हें जारी करने वाली टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को इन नम्बरों के रिवेरिफिकेशन के लिए कहा गया. जिसके बाद टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने 7948 फर्जी सिमों को बंद कर दिया। देश में इतनी बड़ी संख्या में फर्जी सिम ब्लॉक कराए जाने का यह संभवत पहला मामला है. साइबर सेल एसपी सुधीर अग्रवाल का कहना है इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.

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