कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। नेशनल हेल्थ मिशन की स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा मामले में ग्वालियर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने पेपर लीक करने वाले 8 आरोपियों को हिरासत में लिया है। पुलिस के मुताबिक ये गैंग उत्तरप्रदेश से ऑपरेटर होता था। साथ ही इसके नेटवर्क मध्य प्रदेश के भोपाल, इन्दौर, जबलपुर और सागर से भी जुड़े हुए है। गिरोह का मास्टरमाइंड फरार है, जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहना वाला है।
दरअसल, ग्वालियर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एनएचएम स्टाफ नर्स परीक्षा के पेपर लीक करने वाले लोग एक्टिव हुए हैं। वो डील करने डबरा के टेकनपुर स्थित होटल के पास बुला रहे हैं। यहां बड़ी डील हो सकती है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा और 34 लोगों को पकड़ा। इनमें से आठ ऐसे थे जो पर्चा लीक करने से लेकर क्लाइंट लाने वाले लोग थे। इसके अलावा पकड़ाए गए 26 स्टूडेंट्स में से 15 लड़कियां और 11 लड़के मिले।
पूछताछ के दौरान सामने आया कि 8 आरोपियों में 3 ग्वालियर के रहने वाले हैं। दो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले हैं, दो हरियाणा और एक बिहार का रहने वाला है। वहीं इनका मास्टरमाइंड जो अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वह भी प्रयागराज का रहने वाला है। जो क्वेश्चन पेपर लीक हुआ है वह इन आरोपियों के मोबाइल पर आया हुआ था। जिन परीक्षार्थियों से सौदा हुआ था, उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि दोपहर 3 बजे की पाली में होने वाले पेपर में यह सभी प्रश्न आएंगे। जिसकी बाकायदा सॉल्व करने के लिए होटल के कमरे में प्रैक्टिस भी करवाई जा रही थी। ग्वालियर के पकड़े गए आरोपी लोकल परीक्षार्थियों से संपर्क कर सौदा तय करने का काम करते थे। वहीं हरियाणा के रहने वाले दो आरोपी उन परीक्षार्थियों के डॉक्यूमेंट कलेक्ट करने का काम करते थे। वहीं प्रयागराज के दो और बिहार का रहने वाला आरोपी उन परीक्षार्थियों को प्रश्नों के हल करवाने की जानकारी दे रहे थे। पकड़े गए आठों लोगों का काम बटा हुआ था। पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से जानकारी हासिल हुई है कि इनके द्वारा 70 से 80 परीक्षार्थियों से उनके डॉक्यूमेंट जमा कराए थे और उन्हें वादा किया था जो पेपर सॉल्व करवाया जा रहा है वही परीक्षा में आएगा।
इस मामले में एसएसपी अमित सांघी का कहना है कि पेपर लीक होने के चलते परीक्षा निरस्त कर दी गई है, ऐसी स्थिति में उस लीक पेपर को डायरेक्टरट को भेजा जा रहा है। ताकि यह पता किया जा सके कि जो पेपर लीक हुआ है और जो पेपर आने वाला था उनमें कितनी समानता है। इसके अलावा गिरोह के सदस्यों से 39 मोबाइल जब्त किए गए हैं। इनकी भी फॉरेंसिक जांच के साथ डाटा रिट्रीव किया जाएगा। इस रैकेट में 4 राज्यों के लोग शामिल हैं। ऐसे में इनका कहां-कहां नेटवर्क है इसका भी पता लगाया जा रहा है। खास बात यह भी है कि इस परीक्षा का आयोजन ग्वालियर के अलावा मध्य प्रदेश के अन्य शहरों में भी हो रहा था। ऐसे में वहां की उनके क्या लिंक हैं, इसका भी पता लगाया जाएगा। पुलिस ने थाना क्राइम ब्रांच में आईपीसी की धारा 420, आईटी एक्ट के साथ मध्य प्रदेश परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पकड़े गए आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद उनका पुलिस रिमांड लिया जाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल हो सके।
इस पेपर लीक मामले में एनएचएम ने जिस कंपनी को परीक्षा आयोजन कराने का ठेका दिया था, उसकी भूमिका को लेकर भी एसएसपी अमित सांघी का कहना है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड जो अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वह प्रयागराज के रहने वाले आरोपी से पूरी तरह से संपर्क में था। मास्टरमाइंड के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस को आगे की लिंक मिल पाएगी, पुलिस की प्राथमिकता है कि जो पेपर लीक हुआ है और जो पेपर आने वाला था उसके मिलान के बाद काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा। यदि जांच के बाद लीक हुआ पेपर सही पाया गया तो इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि ठेका कंपनी की भूमिका इसमें न हो। ग्वालियर एसएसपी ने यह भी बताया है कि गिरोह ने 2 से 3 लाख रुपए में इस पेपर का प्रत्येक स्टूडेंट से सौदा किया था। लेकिन गनीमत यह रही कि सौदा तय होते समय रूपया एडवांस में नहीं लिया गया था, इसके बदले में परीक्षार्थियों से उनके ओरिजिनल डॉक्यूमेंट जमा कराए गए थे। पेपर के बाद यह पैसे लिए जाते। होटल में लीक पेपर को सॉल्व करने की प्रैक्टिस करते हुए पकड़े गए परीक्षार्थियों कि इसमें पूरी क्या भूमिका रही है इसको लेकर DPO से वैधानिक अभिमत लिया जाएगा। मास्टरमाइंड को पकड़ने के साथ इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करना यही पुलिस का पहला टारगेट है।
एनएचएम डायरेक्टर प्रियंका दास ने आउटसोर्स एजेंसी पर फोड़ा ठीकरा
इधर, एनएचएम डायरेक्टर प्रियंका दास ने आउटसोर्स एजेंसी पर ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विद्यार्थियों के लिए फिर से एग्जाम आयोजित कराई जाएगी। हालांकि डायरेक्टर अपनी बात रखने के बाद मीडिया के सवालों से बचती भी नजर आईं।
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