कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर में पति से अनबन होने पर मामला सुलझाने के लिए आए जीजा ने चार दोस्तों के साथ मिलकर एक होटल में साली के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के पहुंचने पर चंगुल से छूटी पीड़िता ने पूरी घटना पुलिस को बताई। वहीं पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

दरअसल, हजीरा थाना क्षेत्र निवासी महिला का पति से झगड़ा हो गया। पत्नी ने अनबन बढ़ने पर घर छोड़ दिया। जब पति, पत्नी को ढूंढ नहीं पाया तो उसने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने पत्नी को बरामद कर नारी निकेतन भेज दिया। वहां 3 दिन रहने के बाद दंपती के बीच विवाद का पता जब दतिया निवासी उसके जीजा राजू महंत को चला तो उसने फायदा उठाया। राजू ने झांसा दिया कि वह उसके साथ उसके घर चले। वह पति को समझा देगा। जीजा की बातों पर भरोसा कर महिला साथ चलने तैयार हो गई। लेकिन राजू उसे घर ले जाने की जगह एक होटल में ले गया, जहां राजू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर 4 दोस्त अवधेश शर्मा, उमेश, विनोद और सुरेश को बुलाकर गैंगरेप भी कराया। कई दिनों तक यह सिलसिला जारी रहा। इस दौरान जब पति को इस बात का पता चला की पत्नी उसके जीजा के घर है तो वह उसको लेने पहुंचा। लेकिन पति को जीजा ने धमका कर भगा दिया। जिसकी शिकायत उसने थाने में की। तभी पुलिस ने तलाश शुरू की तो पीड़िता को रिहा कराया।

फिलहाल पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर जीजा सहित चारों दोस्तों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं घटनाक्रम दतिया का होने की वजह से केस डायरी को आगे की कार्रवाई के लिए दतिया एसपी को भेज दिया है। जहां पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

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दुष्कर्म मामले में आया नया मोड़

पीड़िता के गर्भपात भ्रूण का डीएनए आरोपियों से मैच नहीं होने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर खंडपीठ ने दतिया एसपी को एक लड़की से बलात्कार के मामले में नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।

दरअसल, लड़की के पिता ने कोर्ट में याचिका दायर करके अपनी बेटी को नाबालिग बताया था और बेटी को बलात्कार पीड़िता करार देते हुए गर्भपात की अनुमति मांगी थी। हाईकोर्ट ने हालातों को देखते हुए लड़की को गर्भपात की अनुमति दे दी। इस बीच सोनू परिहार नाम के आरोपी ने अपनी जमानत की अर्जी हाईकोर्ट में दायर कर दी, बाद में लड़की अपने बयान और बलात्कार की घटना से मुकर गई। इस पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए लड़की के पिता और लड़की के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कर भ्रूण का डीएनए टेस्ट कराने के आदेश जारी किए। क्योंकि कोर्ट को गुमराह कर लड़की ने बलात्कार की घटना बताई और अबॉर्शन की अनुमति मांगी।

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इस मामले में 3 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें सोनू परिहार नाम का युवक भी शामिल है। जब सोनू परिहार ने हाईकोर्ट में अपनी जमानत के लिए याचिका दायर की तो उसने बताया कि लड़की चूंकि अपने बयान से पलट चुकी है और वह अपने आप को बालिग भी बता रही है। इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाए। लेकिन लड़की के गर्भ में मिले भ्रूण के डीएनए जांच के लिए कोर्ट के निर्देश पर हैदराबाद भेजे गए थे। लेकिन किसी भी आरोपी से लड़की के पेट में मिले भ्रूण से उनके जैविक पिता होने की पुष्टि नहीं हुई। इससे इस मामले में नया मोड़ आ गया।

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कोर्ट ने पूरी कार्रवाई को स्टे करते हुए दतिया एसपी को इसकी जांच करके 16 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।दतिया एसपी को पता लगाना होगा कि जिन लोगों के खिलाफ बलात्कार के आरोप लगाए गए थे। जब वो लोग इसमें शामिल नहीं है तो कोर्ट से गर्भपात की अनुमति लेना और खुद को रेप विक्टिम बताना इसके पीछे आखिर किस का दिमाग चल रहा था। अब इस मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।

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