कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है, ताकि समाज का हर वर्ग शिक्षा के अधिकार का लाभ उठा सकें। लेकिन, सीएम की इस मंशा को पलीता लगाने वाली तस्वीर ग्वालियर से सामने आई है। जहां स्कूल में पढ़ने के लिए आए मासूम बच्चों से बर्तन धुलवाए जा रहे हैं। मामला शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरि प्रकाश वैदिक मुरार का है।

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दरअसल, प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए उन्हें मध्यान्ह भोजन दिया जाता है, लेकिन खाने के बाद जूठे बर्तनों को कर्मचारियों के बजाय बच्चों से ही धुलवाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ग्वालियर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरि प्रकाश वैदिक मुरार का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें स्कूल कैम्पस में कुछ बच्चे खाने के जूठे बर्तन धोते दिख रहे हैं। स्कूल से बच्चों के पढ़ने की आवाज भी बाहर तक आ रही है। मगर स्कूल के शिक्षकों द्वारा बच्चों को बर्तन धोने से नहीं रोका जा रहा। इससे यही समझा जा सकता है कि बच्चे भोजन करने के बाद हर दिन बर्तन धोते हैं और उसके बाद अपनी कक्षा में जाकर पढ़ाई करते हैं।

मासूम बच्चों से बर्तन धुलवाने का यह वीडियो प्रशासन के संज्ञान में भी आया है। यही कारण है कि जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि यह बहुत गलत है। बर्तन साफ करने का काम रसोइयों का होता है। ऐसे में बच्चों से बर्तन धुलवाना पूरी तरह से गलत है. जल्द जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा।

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