कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रशासन के लाख दावों के बाद भी खाद्यान्न की कालाबाजारी नहीं रुक रही है। शहर के पीडीएस की दो दुकानों में सेल्समैन ने चावल, गेहूं और नमक गायब कर दिया। वहीं मुरार थाना क्षेत्र से जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर और 45 लाख हड़पने का मामला सामने आया है। इधर बहोड़ापुर क्षेत्र से धोखाधड़ी और गबन का मामला संज्ञान में आया है।

खाद्यान्न की कालाबाजारी

शहर में खाद्य विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच में गिजौर्रा इलाके में पीडीएस की दो दुकानों में हजारों रुपए का चावल, गेहूं और नमक गायब मिले। जिस दुकान को सेल्समैन दीपक भार्गव संचालित करता है, उसके रजिस्टर में गेहूं चावल और नमक एंट्री गायब मिली। इसी तरह जिस दुकान को सेल्समैन विकास पटसारिया संचालित करता है, उसके रजिस्टर में भी गेहूं, चावल और नमक की एंट्री गायब मिली है। खाद्यान्न का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में विभाग की टीम की शिकायत पर गिजौर्रा पुलिस ने विकास पटसारिया और दीपक भार्गव के खिलाफ धारा 3/7 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर हड़पे 45 लाख

इधर, शहर के मुरार पुलिस ने एक महिला सहित तीन लोगों के खिलाफ जमीन के फर्जी कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और 45 लाख रुपए हड़पने का केस दर्ज किया है। दरअसल, उटीला इलाके में स्थित ढाई बीघा से अधिक गीता बाई की जमीन का फर्जी कागजात तैयार कराए गए। इसके बाद अन्य महिला को गीता बाई बनाकर रजिस्ट्रार ऑफिस में फर्जी दस्तावेजों के साथ राहुल पाठक, रोहित यादव ने पेश कर दिया और कारोबारी धीरज मित्तल के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करा दी। इसके एवज में उन्होंने 45 लाख रुपए हड़प लिए।

जब धीरज मित्तल जमीन देखने पहुंचे तो वहां गीताबाई मिली। लेकिन रजिस्ट्रार ऑफिस में जो गीताबाई को रोहित यादव और राहुल पाठक पेश किया था। वह महिला नहीं थी। यह देखकर धीरज मित्तल को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने पुलिस में आवेदन देकर मामले की शिकायत की।

धोखाधड़ी और गबन का मामला

शहर की बहोड़ापुर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी और गबन का केस दर्ज किया है। दरअसल, तीन साल पहले पऊवा वाली माता सागर ताल रोड पर रहने वाले गोपाल गुप्ता ने एलइडी टीवी और वाशिंग मशीन लेने के लिए क्लीयरिंग एंड फॉरवर्डिंग एजेंट नवीन बजाज, प्रिंस बजाज, अरुण सोनी, गजेंद्र शर्मा, मोहम्मद आरिफ और आजम से संपर्क किया था। इन लोगों ने उसे एलइडी टीवी और वाशिंग मशीन की कथित रूप से एजेंसी भी दिला दी। लेकिन जब उनके उपकरण नहीं बिके। तब गोपाल गुप्ता ने उनसे संपर्क किया और अपना माल वापस ले जाने को कहा।

यह लोग 2022 में ही गोपाल गुप्ता से सभी इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट वापस ले गए और 6 महीने के अंदर पूरा पैसा वापस देने का दिलासा दे गए। लेकिन बाद में यह लोग अपने कहे से पलट गए और उन्होंने 2 साल तक गोपाल गुप्ता को धोखे में रखा। इसके बाद गोपाल ने इसकी शिकायत थाने में की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। हालांकि, किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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