कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वायलिर में रेड लाइट एरिया के नाम से बदनाम बदनापुरा में आज फिर पुलिस प्रशासन की टीम ने ऑपरेशन शक्ति चलाया। क्राइम ब्रांच पुलिस और जिला प्रशासन की करीब 15 सदस्यीय टीम बदनापुरा गांव पहुंची। इस दौरान टीम ने जाली दस्तावेजों के साथ कियोस्क संचालक 2 लोगों को हिरासत में लिया है। इन पर आरोप है कि ये 500-500 रुपए में लड़कियों से फर्जी बर्थ सार्टिफिकेट तैयार करते थे।
दरअसल, इस गांव में रविवार को 3 बच्चियां मिली थी, जिनके दस्तावेज नहीं मिले थे और आरोप ह्यूमन ट्रैफिकिंग के थे। इसी के चलते पुलिस ने यहां आज ऑपरेशन शक्ति शुरू किया। क्राइम ब्रांच की महिला अधिकारी के साथ ही पूरी टीम घर-घर जांच की। यहां हर घर में बच्चियों के आधार कार्ड जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज चेक किए गए। साथ ही इनके दस्तावेजों की फोटो कॉपी क्राइम ब्रांच अपने पास जमा कर रही है। जानकारी यह भी मिली है कि फर्जी आधार कार्ड और बर्थ सर्टिफिकेट तैयार कराए गए हैं। इसी सिलसिले में कियोस्क चलाने वाले एक महिला और पुरुष को भी गिरफ्तार किया है। जिसके पास से बदनापुर गांव के 5 दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें 500-500 रुपए में बहोड़ापुर के आनंद नगर में चलने वाले एक कियोस्क सेंटर से तैयार कराया जाता था।
गौरतलब है कि मुरैना-ग्वालियर बॉर्डर पर शहर के पुरानी छावनी इलाके में आने वाला बदनापुरा गांव मानव तस्करी और देह व्यापार के लिए लड़कियों की खरीद-फरोख्त के लिए हमेशा से बदनाम रहा है। यहां कई बार पुलिस को नाबालिग लड़कियां मिली हैं। यहां लड़कियों की खरीद-फरोख्त होती है। जब भी गांव में पुलिस एंट्री करती है तो गांव के लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ता है। रविवार को ग्वालियर पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्शन के तहत “ऑपरेशन शक्ति’ चलाकर बदनापुरा में अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया था। करीब 150 पुलिस जवानों ने बदनापुरा के रेड लाइट एरिया को चारों तरफ से घेर लिया था। पुलिस ने जब दबिश दी तो गांव में हड़कंप मच गया। विरोध करने की सोच रहे गांव के लोग पुलिस फोर्स को देख सहम गए हैं।
पुलिस ने एक-एक घर में सर्चिंग की तो 5 घरों से पुलिस ने 6 नाबलिग बच्चियों को बरामद किया था, जिनकी उम्र 10 से 16 वर्ष है। इसके साथ ही दो युवकों को भी गिरफ्तार किया था। एक युवक पुलिस के हाथ से निकल गया है। इनमें से तीन लड़कियों से संबंधित दस्तावेज गांव के लोगों ने दिखा दिए हैं। पर तीन के दस्तावेज न मिलने पर पुलिस ने उनको CWC (बाल कल्याण समिति) के सामने पेश कर बालिका आवास गृह में सुरक्षित पहुंचा दिया है। फिलहाल जांच के बाद कई और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।
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