कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल में अब किसानों के लिए सरसों की खेती घाटे का सौदा बन गई है। जबकि किसान इसे अपने लिए पीला सोना मानता है। दरअसल, इस बार ग्वालियर चंबल में सरसों की आवक बंपर हुई है। सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 5,640 निर्धारित किया है, लेकिन किसान जब अपनी सरसों को लेकर मंडी में पहुंचा तो उसको निराशा हाथ लग रही है।

ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों की सरसों को मंडी व्यापारी औने-पौने दाम में ले रहे, यानि सरकार ने जो MSP निर्धारित की है, उससे कम दामों पर खरीदा जा रहा है। जिसको लेकर किसानों का गुस्सा फूड पड़ा है। किसानों ने कृषि उपज मंडी मुरार में हंगामा शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही आनन-फानन में पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया।

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किसान का कहना है कि सरकार आय दोगुना करने की बात की करती है, लेकिन किसान को उसकी फसल का मूल दाम भी नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, पुलिस-प्रशासन और मंडी प्रबंधन ने व्यापारियों के साथ मिलकर बीच का रास्ता निकाला है। अब किसान की फसल की क्वालिटी को देखकर खरीददारी की जाएगी।

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