कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। वैलेंटाइन वीक (Valentine Week) में शादी (Marriage) रचाने वाले कई नवविवाहित जोड़े गौ माता को भोज कराने के लिए गौशाला (Gaushala) पहुंच रहे हैं। दूल्हा-दुल्हन (Groom Bride) अपने परिवारों के साथ गौशाला में जाकर गौ माता की पूजा कर रहे हैं। ये जोड़े गौ माता को पकवानों का भोज कराने के साथ संतो का आशीर्वाद ले रहे हैं।
दुनिया भर में इन दिनों वैलेंटाइन की धूम है। लोग वेलेंटाइन वीक पाश्चात्य संस्कृति (Culture) के साथ मना रहे हैं। अपने प्रेम का इजहार कर रहे हैं तो अपने साथी से प्रेम विवाह (Love Marriage) कर रहे हैं। तो कहीं परिवारों की रजामंदी से शादियां हो रही है। मतलब वेलेंटाइन वीक में हर तरफ धूम धड़ाका हो रहा है। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो शादी रचाने के बाद गौशाला में पहुंचकर गौ माता को पकवानों का भोज करवा रहे हैं।
संतों ने कहा- नई पीढ़ी गोपूजन की भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ा रही
गौशाला में आने वाले नवविवाहित जोड़े अपने साथ गौमाता को भोज कराने के लिए पकवान लेकर आ रहे हैं। नवविवाहित जोड़े गौशाला में आकर गौ माता का पूजन करते हैं, आरती करते हैं और उसके बाद गौमाता को लजीज पकवानों का भोज कराते हैं। इसके बाद गौ माता और संतों का आशीर्वाद लेकर नए सफर की शुरुआत करते हैं। संतों का कहना है कि नई पीढ़ी गोपूजन की भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रही है जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी सीख मिलेगी।
गोपूजन से मिल रही आत्मिक शांति
8 फरवरी को शादी रचाने वाले इंजीनियर शुभम और साक्षी श्रीवास्तव ने गो पूजन किया और उसके बाद कहा कि गौ माता का पूजन उनकी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। यही वजह है कि उन्हें गौ माता का पूजन करने में आत्मिक शांति मिल रही है। साथ ही वह अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी यह बताएगी कि गौ माता का पूजन कितना जरूरी है।
संस्कृति से जुड़े रहने के लिए गो पूजन जरूरी
शहर के कारोबारी अभिषेक यादव की शादी राजस्थान (Rajasthan) की बाड़ी निवासी मोनिका यादव के साथ हुई है। शादी के बाद वह सबसे पहले गौशाला में गौ माता का पूजन आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे। दोनों पति-पत्नी ने गौशाला में गो पूजन किया उसके बाद लजीज पकवानों का भोज कराया इसके बाद संतों का आशीर्वाद लिया। अभिषेक मोनिका का कहना है कि आज भले ही तकनीक का जमाना है, फिर भी हमें अपनी संस्कृति से जुड़े रहने के लिए गो पूजन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम करना चाहिए, इससे मानसिक शांति मिलती है।
आधुनिकता के दौर में जहां वैलेंटाइन धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है तो वहीं भारतीय संस्कृति को कायम रखने के लिए लोग गो पूजन भी कर रहे हैं, ग्वालियर (Gwalior) की आदर्श गौशाला (Adarsh Gaushala) में गोपूजन के लिए आने वाले लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है।
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