कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। बहुचर्चित एनएचएम संविदा भर्ती परीक्षा पेपर लीक (NHM Paper Leak) मामले में पुलिस की जांच दो महीने की मशक्कत के बाद अब पूरी हो गई है। पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए कहा कि ऑनलाइन पेपर कंडक्ट कराने वाली दो कंपनियों एप्टेक, एमईएल मुंबई और नोएडा के तीन कर्मचारियों से सरगनाओं की मिलीभगत के चलते यह पर्चा लीक हुआ था। दीपक मेवाड, रवि राठौर, चिराग अग्रवाल ने इसे 50 लाख रुपये में बेचा था।
वहीं ग्वालियर (Gwalior) के विभिन्न छात्रों से उनके मूल दस्तावेज रखकर षडयंत्र में शामिल लोगों ने करीब तीन करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा था। लेकिन समय पर मामले का खुलासा हो गया और 7 फरवरी को ही टेकनपुर इलाके में स्थित एक होटल से 8 लोगों को पकड़ लिया गया था। आठ लोगों को बाद में भी पकड़ा गया है। यह सभी लोग पांच राज्यों के रहने वाले हैं। इनमें मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सात उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पांच हरियाणा (Haryana) के दो बिहार (Bihar) और राजस्थान (Rajasthan) का एक-एक व्यक्ति शामिल है। तीन आरोपी फिलहाल पुलिस की रिमांड पर है जबकि 13 लोगों को कोर्ट (Court) के निर्देश पर जेल भेज दिया गया है।
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पेपर लीक कराने वाले मुख्य सरगना इलाहाबाद यानी प्रयागराज (Prayagraj) का रहने वाला हैं। जिसने पेपर तैयार करने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों को अपने साथ मिला लिया था और उनसे आईडी पासवर्ड (ID Password) लेकर पेपर को ऑनलाइन डाउनलोड किया और उसे आउट कर दिया। क्राइम ब्रांच पुलिस ने एप्टेक (Aptech) और एमईएल कंपनी (MEL Company) के 3 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इसमे एक कर्मचारी अब वहां काम नहीं करता है, लेकिन इसने ही अपने साथी कर्मचारियों से मिलकर पेपर को पासवर्ड के जरिए डाउनलोड किया था और सरगनाओं को दे दिया था।
पुलिस ने इस इंटरस्टेट गिरोह के कब्जे से अब तक 26 मोबाइल, 5 लैपटॉप, एक कंप्यूटर, 5 पेन ड्राइव, दो प्रिंटर, दो लग्जरी कार और मूल पेपर भी बरामद किया है। बरामद किए गए सामान की कीमत लगभग 65 लाख रुपये से ज्यादा है। 2 महीने की मेहनत मशक्कत के बाद पुलिस ने बहुचर्चित एनएचएम संविदा भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कांड का खुलासा कर दिया है। खास बात यह है कि इस पेपर को सौ से ज्यादा छात्रों को बेचे जाने की पूरी तैयारी थी। इन लोगों से करीब ढाई से तीन लाख रुपये प्रति छात्र वसूले जाने थे।
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