कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में 12वीं की नाबालिग छात्रा ने पुलिस अधिकारी को पत्र लिखकर अपनी शादी रुकवाने की गुहार लगाई। नाबालिग ने SDOP को पत्र में लिखा कि- मैं 12 वीं की छात्रा हूं, शादी नहीं करना चाहती हूं, लेकिन परिजन मुझे 50 हजार में बेच रहे हैं। 8 मार्च को मेरी शादी होने वाली है, जब मैंने विरोध किया तो घर वालों ने मेरा घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है… मोहना के उमेदगढ़ ददोरी गांव की छात्रा का पत्र मिलते ही पुलिस हरकत में आई। SDOP ने महिला बाल विकास विभाग के साथ मिलकर गांव में दबिश दी और नाबालिग छात्रा को घरवालों की कैद से मुक्त कराया।

MP Budget 2023: हंगामे के बीच पेपरलेस बजट सदन में पेश, कांग्रेस ने किया वॉकआउट, एक लाख नौकरियां दी जाएगी, 12 वीं क्लास की टॉपर छात्राओं को E स्कूटी, शराब अहाते होंगे बंद

घाटीगांव सर्कल के SDOP संतोष पटेल अपने दफ्तर में बैठे थे, उसी दौरान उनके पास लिफाफा पहुंचा। SDOP ने लिफाफा खोला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। खत में जो लिखा था वह बेहद गंभीर था, दरअसल खत लिखने वाली छात्रा नाबालिग थी, जिसमें अपना पता मोहना के उमेदगढ़ ददोरी गांव बताया था। छात्रा ने पत्र में लिखा था कि वह नाबालिग है उसके बाद भी उसका बाल विवाह किया जा रहा है। इसके बाद SODP ने महिला बाल विकास विभाग की टीम को बुलाया और फिर दल बल के साथ उमेदगढ़ दादोली गांव रवाना हो गए। पुलिस और महिला बाल विकास की टीम ने इस गांव से 12वीं क्लास की नाबालिग छात्रा को उसके घर से मुक्त कराया। घरवाले 8 मार्च को इस नाबालिग छात्रा की जबरन शादी करने वाले थे। अपनी जबरिया शादी को रुकवाने के लिए ही छात्रा ने SDOP को खत लिखा था।

5 दिन बाद पहुंचा खत

छात्रा ने 24 फरवरी को ये पत्र लिखा था। पांच दिन बाद ये पत्र SDOP के पास पहुंचा, इस पत्र में छात्रा ने इन शब्दों में अपना दर्द बयां किया थ- निवेदन है कि प्रार्थिनी एक नाबालिग बालिका है। वह अपनी पढ़ाई और करना चाहती है। वर्तमान में वह कक्षा 12वीं में पढ़ रही है। परंतु प्रार्थी का जबरदस्ती विवाह शैलेन्द्र धाकड़ निवासी नयागांव बामोर के साथ 8 मार्च को बामोर जाकर किया जा रहा है। प्रार्थी अभी नाबालिग है और उसने अपने परिवार वालों से विवाह के लिए मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई है। कमरे में बंद कर उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है। मैंने घरवालों को बात करते हुए सुना है कि मेरे घरवालों ने मुझे 50 हजार रुपए में शैलेन्द्र को बेचा है।

परिवार के साथ रहने से किया इनकार

पुलिस और महिला बाल विकास की टीम ने छात्रा को मुक्त कराया। इसके बाद छात्रा ने परिवार के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया। छात्रा ने कहा कि उसे अपने परिवार से ही जान का डर सता रहा है। छात्रा की बात सुनकर पुलिस-प्रशासन ने महिला बाल विकास विभाग की निगरानी में छात्रा को वन स्टॉप सेंटर में पहुंचाया।

MP Budget 2023: युवाओं को मिलेगी 1 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरी, 4 जिलों में शुरू होंगे स्किल सेंटर, 200 युवा भेजे जाएंगे जापान

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus