कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के डीपीओ कार्यालय में पदस्थ बिल क्लर्क आरक्षक अरविंद भदौरिया को जांच के बाद विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया है। अरविंद भदौरिया पर 71 लाख रुपए के फर्जी बिलों के भुगतान का आरोप है। पकड़े गए आरक्षक पर गबन, धोखाधड़ी सहित भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोपी आरक्षक अरविंद भदौरिया डीपीओ कार्यालय में फाइनल पेमेंट का सॉफ्टवेयर ऑपरेट करता है। प्रथम दृष्टया आरोपी द्वारा अपनी पत्नी नीतू भदौरिया के अकाउंट में 17 लाख 38 हजार रुपए ट्रांसफर करने की एक एंट्री पकड़ में आई है। जिसके बाद कोष एवं लेखा शाखा में पदस्थ अफसर अरविंद शर्मा ने एक जांच कमेटी गठित कर दी। जिसमें उपसंचालक अर्चना त्रिपाठी, विवेक सक्सेना एवं नरेंद्र सिंह शामिल किए गए। इस बीच में कोष एवं लेखा शाखा ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय की कंटीन्जेंसीज विभाग से 5 साल पुराने भुगतान किए गए बिलों की डिटेल हासिल कर ली है।

गड़बड़ी की यह रकम एक करोड़ से ऊपर

पुलिस अधीक्षक कार्यालय में यह गड़बड़ी वर्ष 2018 से 2023 के बीच में की जाना बताई जा रही है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अभी तक 77 खातों में लगभग 71 लाख रुपए से ज्यादा का संदिग्ध भुगतान जांच के दौरान पकड़ में आया है। पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने बताया कि इस मामले की जांच सीएसपी नागेंद्र सिकरवार को सौंपी गई है। आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। जानकारी के मुताबिक गड़बड़ी की यह रकम करोड़ से ऊपर भी पहुंच सकती है और इसमें कुछ और कर्मचारियों के शामिल होने का भी अंदेशा है।

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