कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 12वीं क्लास में पढ़ने वाली एक छात्रा की साइकल चोरी हो गई। 4 मार्च को घर से 9 किलोमीटर दूर पेपर देने गई छात्रा की साइकिल को कोई परीक्षा केंद्र से चोरी कर ले गया। साइकिल चोरी होने से दुखी छात्रा अपनी मां के साथ थाने गई, लेकिन पुलिस ने कहा कि छोटी-मोटी चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। मजबूर छात्रा ने डीईओ से गुहार लगाई कि साहब मुझे साइकिल दिलवा दीजिए। मजदूर की बेटी निशा ने अपने भाई बहनों के साथ 2 साल तक पाई पाई जोड़ कर 4 हज़ार रुपए जमाकर उम्मीदों के साथ साइकिल खरीदी थी। आज निशा की आंखों में आंसू है, सभी जगह से निराश होने के बाद निशा अब सीएम शिवराज से गुहार लगा रही है कि मामा मुझे मेरी साईकिल दिला दो।

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दरअसल, ग्वालियर के बालाजीपुरम इलाके में रहने वाली निशा वंशकार पद्मा स्कूल में पढ़ती है, इन दिनों निशा की 12 वीं की परीक्षा चल रही है। निशा PCM यानी साइंस ग्रुप से पढ़ाई कर रही है, 12वीं का पेपर देने के लिए निशा अपने घर से 9 किलोमीटर दूर गजराराजे स्कूल परीक्षा केंद्र को जाती है। 4 मार्च को जब निशा पेपर देने गई तो परीक्षा केंद्र से कोई उसकी साइकिल चुराकर ले गया। साइकिल चोरी होने से निशा गमगीन हो गई।

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पाई-पाई जोड़कर खरीदी थी साइकिल

निशा के पिता मजदूरी करके किसी तरह से परिवार का पालन-पोषण करते हैं। निशा और उसके भाई-बहनों ने 2 साल तक पाई पाई जोड़कर 4 हज़ार रुपए में 6 महीने पहले साइकिल खरीदी थी। सभी भाई-बहन इस साइकिल के जरिए अपना काम करते थे। निशा इसी साइकिल से स्कूल तक रोजाना 16 किलोमीटर का सफर तय करती थी। लेकिन चोरों ने उसकी साइकिल चोरी कर ली। निशा के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अब वो पेपर देने कैसे जाएगी, क्योंकि एग्जाम सेंटर घर से दूर है।

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट

गजराराजा स्कूल परीक्षा केंद्र से साइकिल चोरी होने के बाद निशा अपनी मां के साथ थाने पहुंची। लेकिन पुलिस ने उनकी मदद नहीं की। पुलिस ने कहा- छोटी मोटी चोरी की FIR दर्ज नहीं होती। निशा ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी के पास भी पहुंची और गुहार लगाई, लेकिन डीईओ ने भी सिर्फ मदद का आश्वासन भर देकर निशा को घर भेज दिया। चारों तरफ से निराश होने के बाद निशा अब प्रदेश के मुखिया मामा शिवराज से गुहार लगाई है।

4000 रुपए कीमत की वो साइकिल निशा के लिए मुसीबत का सफर काटने का सहारा थी। छह भाई-बहनों की खुशियों-उम्मीदों का सहारा थी। साइकल चोरी हुई तो मानों निशा और उसके भाई-बहन की खुशी छिन गई है। उम्मीद है कि मामा शिवराज अपनी इस भांजी की गुहार सुनेंगे।

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