कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। छह साल पहले जिस सोशल मीडिया के सहारे सार्वजनिक रूप से बढ़ते भ्रष्टाचार लचर स्वास्थ्य व्यवस्था जैसे मुद्दे उठाने के कारण बीजेपी और जनसंघ के वरिष्ठ पार्टी नेता राज चड्ढा को निलंबित कर दिया था। उसी सोशल मीडिया के सहारे अपनी उपयोगिता को सिद्ध करने में कामयाब रहे राज चड्डा को अंततः पार्टी नेतृत्व ने निलंबन समाप्त कर उन्हें फिर से पार्टी में वापस लेने की घोषणा कर दी है।
अपना निलंबन समाप्त होने के बाद वरिष्ठ बीजेपी नेता और पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राज चड्ढा ने कहा है उन्होंने कभी भी पार्टी के खिलाफ अथवा विरोध में कार्य नहीं किया। उन्होनें कहा कि पार्टी ने भी कभी उन्हें ना तो कोई नोटिस दिया और ना ही निलंबन संबंधी कोई पत्र ही जारी किया गया। चड्ढा ने कहा कि उन्होंने कभी खुद को पार्टी से अलग नहीं माना और कोई छमायचना भी नहीं की।
दरअसल, राज चड्डा द्वारा प्रस्तुत स्मृति पटल और सांची जैसे स्तंभों को पढ़ने वालों और उसके फालोअर की संख्या हजारों में जा पहुंचने है। इसके साथ अपने स्वयंसेवी संगठन के माध्यम से तमाम सामाजिक कार्यों में जबरदस्त सक्रियता और सोशल मीडिया पर मिल रहे जनसमर्थन ने बीजेपी के नीति निर्धारकों के लिए समस्या खड़ी कर दी और अंतत: पार्टी ने उनका निलंबन वापस ले लिया।
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