कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जंगली हाथियों को पकड़ने और उनकी मौत के मामले में सख्त रुख अपनाया है। शहडोल से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लाए गए एक हाथी की मौत पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और सरकार और वन विभाग को फटकार लगाई। कोर्ट ने जंगली हाथियों को पकड़ने के लिए वाइल्ड लाइफ एक्ट का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया।

HC ने सरकार से 30 साल का मांगा रिकॉर्ड 

हाईकोर्ट ने सरकार से पिछले 30 सालों में पकड़े गए जंगली हाथियों का पूरा रिकॉर्ड मांगा है। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से अब तक 10 जंगली हाथियों को पकड़ा गया है। एक्सपर्ट कमेटी ने सुझाव दिया है कि कान्हा में रखे गए जंगली हाथियों को 15 दिनों के भीतर छोड़ दिया जाए। 

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24 सितंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई 

यह मामला रायपुर निवासी नितिन सिंघवी की याचिका पर आधारित है, जिसमें कहा गया कि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार, जंगली हाथियों को पकड़ना अंतिम उपाय होना चाहिए, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे पहला विकल्प बनाया जा रहा है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। 

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