कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench) ने महिला सुरक्षा (Women Safety) के लिए एक अनूठी पहल की है। अब मध्य प्रदेश में महिला पुलिस (MP Women Police) शौर्या दीदी (Shaurya Didi) की भूमिका में नजर आएंगी। ये शौर्या दीदी नाबालिगों (Minors) को सदमे से उबरने के साथ ही उन्हें बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करेंगी। ग्वालियर हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की की याचिका पर सुनवाई करते हुए एमपी पुलिस को यह पहल शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल थाटीपुर थाने में एक नाबालिग भतीजी ने अपने चाचा पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। नाबालिग की ओर से दायर याचिका में बताया कि पुलिस उसके मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है। पीड़िता ने बताया कि उसके पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। अदालत ने पीड़िता की परिस्थिति को देखते हुए इसे गंभीर मामला माना और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराध पर चिंता जाहिर की। पीड़िता के लिए पुलिस को शौर्या दीदी का कंसेप्ट दिया। साथ ही इसे पूरे प्रदेश में शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

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शौर्या दीदी संभालेंगी सुरक्षा की जिम्मेदारी

उच्च न्यायालय के निर्देश के तहत अब शौर्या दीदी को क्रमबद्ध तरीके से काम करना होगा। प्रदेश के सभी थाना स्तर पर शौर्या दीदी तैनात रहेंगी। नाबालिग की शिकायत पर केस दर्ज होते ही थाने में पदस्थ महिला अधिकारी या फिर कर्मचारी नाबालिग और उसके परिजनों से संपर्क साधेंगी। स्थिति सामान्य होने तक हर रोज दिन में 1 से 4 बार शौर्या दीदी घर जाकर नाबालिग से बात करेगी।

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शौर्या दीदी नाबालिग को सदमे से उबारने और घटना को भूलकर भविष्य संवारने के लिए प्रेरित करेगी। जिले में महिला एसपी पदस्थ है तो वह भी अपनी इच्छा अनुसार शौर्या दीदी की भूमिका निभा सकती है। ये वाट्सएप के जरिए नाबालिग के लगातार संपर्क में रहेंगी।

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