अनिल मालवीय, इछावर (सीहोर)। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के मुगावंली गांव में पिछले दिनों एक खुले बोरवेल में ढाई वर्षीय सृष्टि की गिरने से मौत हो गई थी। इस घटना से देशभर में हंगामा मच गया था। उच्च न्यायालय ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा था, लेकिन इन सब के बाद भी जिला प्रशासन खुले पड़े बोरवेल को भरवाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। प्रशासन के अभियान की भी पोल खुल गई है। जिम्मेदारों को फिर मौत का इंतजार है।
जिले भर में अभी भी कई बोर खुले पड़े है, जो कि हादसे को न्यौता दे रहे हैं। पीएचई विभाग और निजी स्तर पर कराए गए बोर जिनमें पानी नहीं है उनमें से अधिकांश बोर को बिना ढके खुला छोड़ दिया गया है। यह बोर खेतों के अलावा रहवासी क्षेत्र में है। इनसे आए दिन हादसे की आशंका बनी रहती है, लेकिन प्रशासन और कोई भी जिम्मेदार इन्हें भरने या ढकने की कार्य पर ध्यान नहीं दे रहा है।
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सीहोर जिले के इछावर तहसील में बृजेशनगर, कनेरिया गांव, काकरखेड़ा समेत दर्जनों बोरवेल खुले पड़े हैं, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं कलेक्टर ने खुले बोरवेल पाए जाने पर 188 के कार्रवाई की बात की थी। लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। कनेरिया बृजेश नगर सहित कई गांव में अभी भी बोरवेल पड़े खुले हैं। इस पर जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए, ताकि सृष्टि की तरह अन्य कोई बोरवेल ना गिरे।
बता दें कि सृष्टि 6 जून को खेलते समय बोरवेल में गिरी थी। 50 घंटे के रेस्क्यू के बाद उसे बाहर निकाला गया। करीब 300 फीट गहरे बोरवेल में 155 फीट की गहराई पर फंसी सृष्टि को दिल्ली की टीम ने रोबोट के जरिए निकाला था। बच्ची दोपहर को बोरवेल में गिरी थी। दो दिन बाद उसे निकाला जा सका, लेकिन मासूम की जान नहीं बच पाई।
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